दुनियाभर में कोरोना वायरस से हाहाकार मची हुई है, जिसके चलते लोगों में खौफ का माहौल बना हुआ है. आपको बता दें कि ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में कई सवाल है। न सिर्फ इस बीमारी बल्कि उसके इलाज और उस पर होने वाले खर्च ने भी लोगों को परेशान कर रखा है।
गौरतलब है की ऐसे में अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी अपर चेसापीक हेल्थ के डॉक्टर फहीम यूनुस ने ट्विटर लोगों की यह परेशानी कुछ हद तक दूर करने की कोशिश की है। डॉ. फहीम ने बताया है कि लोग कुछ बातों का पालन करें तो घर पर ही वह इन्फेक्शन को हरा सकते हैं। उन्होंने दावा किया है कि घर पर ही सही तरीके से रहने से 80-90% लोग ठीक हो सकते हैं।
How to treat COVID at home?
This thread is for COVID + folks who avoid hospital due to cost/trust/capacity issues
What to take, what to avoid, when to worry, when not to, protecting family etc.
This is general advice; for personal treatment Qs ask your doctor
LetÔÇÖs start
— Faheem Younus, MD (@FaheemYounus) June 13, 2020
ज्ञात हो किडॉ. फहीम ने एक ट्विटर थ्रेड में बताया कि सबसे पहले इन्फेक्शन होने पर खुद को 14 दिन के लिए अलग कर लें। इस दौरान अलग कमरे में रहे हैं, अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें और अपने बर्तन भी अलग कर लें। अगर एक ही कमरा हो तो मोटे पर्दे या स्क्रीन ने बीच में दीवार खड़ी करें और उसके पीछे रहे हैं।
वहीँ अगर बाथरूम एक ही हो तो जाने से पहले फेसमास्क पहनें और इस्तेमाल के बाद पूरा सर्फेस साफ करें। अगर रूम शेयर कर रहे हैं तो स्टीम, नेबुलाइजर, सीपैप शेयर न करें। उन्होंने बताया है कि ज्यादातर मामलों में सिर्फ paracetamol या ibuprofen चाहिए होती है। ऐंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती है।
इसके साथ अगर हो सके तो हर रोज तापमान, सांस की गति, पल्स और बीपी नापें। ज्यादातर स्मार्टफोन्स में पल्स ऑग्जिमेंट्री ऐप होता है। अगर इसमें ऑग्ज 90 के नीचे हो या बीपी 90 सिस्टोलिक के नीचे जाए, तो डॉक्टर से बात करें। 60-65 की उम्र में हाई बीपी, मोटाबे, मधुमेह झेल रहे लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा होता है।
डॉ. फहीम ने Actemra/plasma/remdesivir जैसी एक्सपेरिमेंटल दवाओं पर अपना समय, पैसे खर्च न करने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने बताया है कि जड़ी-बूटियों, जिंक आदि पर स्टडी नहीं की गई है, इनका इस्तेमाल न करें। COVID के मरीजों पर zithromax/HCQ/विटामिन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ध्यान दें कि अगर आपकी हालत खराब नहीं हो रही है, तो आप ठीक हो रहे होंगे। COVID टेस्ट रिपीट न कराएं।