
नई दिल्ली ।। नेपियर वन-डे सीरीज का पहला मैच न्यूज़ीलैंड की टीम बैटिंग कर रही थी। 15.5 ओवर हो चुके थे। न्यूज़ीलैंड का स्कोर तीन विकेट पर 60 रन। बॉलिंग कर रहे थे विजय शंकर। विलियमसन ने जोर का बल्ला फाइन लेग की ओर घुमाया।
केदार मुस्तैद थे लेकिन कैच लपक न सके। गेंद हाथ में आई तो थी लेकिन तमाम कोशिश के बाद भी रुकी नहीं, फिसल गई। इसी के साथ विलियमसन को जीवनदान मिला। विलियमसन उस वक़्त 21 रन बनाकर खेल रहे थे।
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कप्तान विलियमसन टीम इंडिया के लिए खतरनाक होते दिखे लेकिन 64 रन बनाकर आउट हुए। 34वें ओवर में कुलदीप यादव की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर शंकर ने उनका कैच लपका। इंडिया ने न्यूज़ीलैंड को 38 ओवरों में 157 रन पर ऑलआउट कर दिया है।
कैच ड्रॉप होने के बाद विजय शंकर और केदार जाधव दोनों को समझ न आया कि हुआ क्या। दोनों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि कैच ड्रॉप कैसे हो गई। भारतीय क्रिकेट के फैंस कैच मिस होने पर सोशल मीडिया पर गुस्से से लिख रहे हैं।
लोग कह रहे हैं ऐसे-ऐसे कैच छोड़ेंगे तो वर्ल्ड कप कैसे जीतेंगे? वर्ल्ड कप नज़दीक है और इंडिया वर्ल्ड कप 2019 के प्रमुख दावेदारों में से एक है। ऐसे में ऐसे आसान कैच ड्रॉप करने की उम्मीद भारतीय खिलाड़ियों से नहीं की जाती है।
विलियमसन अगर आउट होते हो शंकर को वन-डे करियर का पहला विकेट भी मिल जाता। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी मैच में विजय शंकर ने डेब्यू किया था और 6 ओवर की गेंदबाजी करते हुए 23 रन दिए थे लेकिन कोई विकेट हाथ न लगा था।
मगर इतना साफ है कि केन विलियमसन के इस जीवनदान का उतना नुकसान इंडिया को नहीं हुआ जितना फायदा न्यूज़ीलैंड को हुआ क्योंकि अगर विलियमसन इतने रन नहीं बनाते तो आज के इस मैच में 120 भी नहीं बनते। मगर यहां भारत को ध्यान इस बात पर देने की जरूरत है कि ऐसे कैच वर्ल्ड कप से पहले नहीं छोड़े जा सकते हैं। उधर धवन ने भी एक लड्डू कैच छोड़ा है।