
हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को सभी देवताओं में प्रथम स्थान दिया जाता है। ऐसे में उनका जन्मोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश को घर में स्थापित करते हैं और पूरे 11 दिन उनकी विधिवत पूजा अर्चना करते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था इसलिए इनका जन्म दिवस पर गणेश चतुर्थी को मनाया जाता है जिसे गणेशोत्सव कहते हैं। गणेशोत्सव का आयोजन चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक चलता है। इस चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी भी कहते हैं। 11 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित की जाती है और प्रतिदिन उनकी विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
इस साल गणेश जन्मोत्सव का पर्व 10 सितंबर से मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के मंत्रों का जाप किया जाता है जिससे भक्तों को गणपति का आशीर्वाद मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्री गणेश अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं और उनके जीवन में आ रहे विघ्नों को दूर करते हैं इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है।
कहते हैं कि अगर किसी के विवाह में बाधा आ रही है तो उसे गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान गणेश जी के इस ‘ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से विवाह संबंधी समस्या समाप्त हो जाएगी तथा अविवाहित लड़कियों को मनचाहा वर भी प्राप्त होगा।
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