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दबदबा क्या होता है? कोई भारत से सीखे। ताकतवर कैसे बनते हैं? कोई भारत से सीखे। फैसले का असर क्या होता है वो कोई भारत से सीखे। दरअसल भारत सरकार ने घरेलू मांग को देखते हुए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे वैश्विक बाजार में चावल की कीमतें तेजी से ऊपर जाने की आशंका बढ़ गई।

भारत के निर्यात प्रतिबंध से संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई को भी बड़ा झटका लगा। भारत यूएई के शीर्ष चावल आपूर्तिकर्ताओं में शामिल है और निर्यात प्रतिबंध के कारण यूएई में चावल की कीमतों में भारी उछाल आया है। इसे लेकर यूएई के व्यापारी दूसरे विकल्पों की तलाश में जुट गए जिससे चावल की कीमतों को बढ़ने से रोका जा सके।

यूएई के अंग्रेजी अखबार को बाजार से संबंधित सूत्रों ने बताया कि हालांकि अब तक चावल पर भारत के प्रतिबंध का यूएई में खुदरा चावल की कीमतों पर सीमित प्रभाव पड़ा। भारतीय खाद्यानों के सबसे बड़े आयातकों में से एक दुबई स्थित आदिल ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉक्टर धनंजय दातार ने कहा कि भारत हमेशा से यूएई के चावल का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा। प्रतिबंधों से स्थानीय बाजार में भारतीय चावल की तत्काल कमी होगी जिससे लोगों को चावल की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाएगी। इससे कीमतों में स्थिरता आएगी।

अरब देश में व्यापारियों और खाद्यान आयातकों के लिए भारत के विकल्प की तलाश करना इस समय की जरूरत है। भारत ने घरेलू कीमतों को स्थिर रखने के लिए पिछले दो सालों से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिससे वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमतों में उछाल आया। यूएई पर भी इसका असर रहा और अब चावल की कीमत बढ़ने से यूएई को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। 

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