नई दिल्ली॥ टीम इंडिया और वेस्टइंडीज के बीच जारी 3 एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला का पहला मुकाबला वेस्टइंडीज ने जीत लिया। मुकाबले के दौरान टीम इंडिया ने 50 ओवर में 288 रन बनाए जिसके जवाब में उतरी वेस्टइंडीज ने अपने बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत लक्ष्य को 50 वर्ष से पहले ही हासिल कर लिया। टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन करने की मुख्य वजह जानने की कोशिश करें तो टीम के गेंदबाजों ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया।
टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह बनी कि टीम के पास 30 ओवर गेंदबाजी करने के लिए तीन फ्रंटलाइन गेंदबाज थे, जिसमें कुलदीप यादव, दीपक चाहर और मोहम्मद शमी शामिल थे, जबकि बाकी 20 ओवर करने के लिए टीम ने शिवम दुबे, केदार जाधव और रविंद्र जडेजा पर भरोसा जताया, जो की टीम के लिए सही साबित नहीं हुआ।
टीम इंडिया ने अपने निचले क्रम को मजबूत करने के लिए शिवम दुबे को प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया, लेकिन शिवम दुबे गेंदबाजी में वैसा कमाल नहीं कर पाए जैसी भारतीय टीम को आवश्यकता थी। यदि बल्लेबाजी की बात भी करें तो भारतीय टीम के बल्लेबाजी क्रम को देखते हुए ऐसा लगता नहीं है कि वेस्टइंडीज के विरूद्ध शिवम दुबे को ज्यादा बल्लेबाजी करने की जरूरत पड़ेगी।
इससे यदि टीम इंडिया शिवम दुबे के बजाय शार्दुल ठाकुर पर भरोसा जताती है तो शार्दुल ठाकुर ना सिर्फ बल्लेबाजी कर लेते हैं बल्कि वह अगर आंकड़ों के नजरिए से बात करें तो शिवम दुबे से बेहतर गेंदबाजी भी कर सकते हैं। अगर शार्दुल ठाकुर को टीम में मौका दिया जाता है तो टीम इंडिया को यही दोगुना फायदा हो सकता है।
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