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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी 'उमराह' के बारे में सुना है, जो मक्का की एक पवित्र यात्रा है? आज सऊदी अरब से एक बेहद दुखद खबर आई है, जहाँ भारतीय उमराह तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस भीषण दुर्घटना का शिकार हो गई. इस हादसे में कई भारतीय तीर्थयात्रियों की जान चली गई. यह घटना उन सभी के लिए दर्दनाक है जो धार्मिक यात्राओं पर जाते हैं. इस दुखद मौके पर यह जानना भी ज़रूरी है कि उमराह क्या है और मुस्लिम धर्मावलंबी इसे कैसे करते हैं.

क्या है 'उमराह'? एक छोटी और पवित्र तीर्थयात्रा

उमराह (Umrah) इस्लाम धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, जिसे मुसलमान अपनी आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए करते हैं. इसे 'छोटी तीर्थयात्रा' भी कहा जाता है, जो 'हज' (Hajj) से अलग होती है. हज साल में एक निश्चित समय पर ही किया जाता है और इसकी कुछ ख़ास धार्मिक अनिवार्यताएँ होती हैं, जबकि उमराह साल में किसी भी समय किया जा सकता है. उमराह को फर्ज़ (अनिवार्य) नहीं माना जाता, लेकिन इसे करना सवाब (पुण्य) का काम समझा जाता है.

कैसे करते हैं उमराह? जानें इसके मुख्य चरण

उमराह के कुछ मुख्य चरण होते हैं, जिन्हें विधिपूर्वक पूरा करना ज़रूरी है:

  1. एहराम पहनना (Wearing Ihram): उमराह शुरू करने से पहले तीर्थयात्री 'एहराम' की पोशाक पहनते हैं. पुरुषों के लिए यह दो बिना सली हुई सफेद चादरें होती हैं और महिलाओं के लिए साधारण, ढीले-ढाले कपड़े होते हैं. यह पवित्रता और समानता का प्रतीक है. एहराम बांधने से पहले स्नान (ग़ुस्ल) करना और उमराह की नीयत (इरादा) करना ज़रूरी है.
  2. तवाफ (Tawaf): मक्का पहुँचकर तीर्थयात्री काबा के चारों ओर सात बार परिक्रमा करते हैं. इसे 'तवाफ' कहते हैं. काबा अल्लाह का घर माना जाता है और तवाफ करना इबादत का एक अहम हिस्सा है.
  3. सई (Sa'i): तवाफ के बाद, तीर्थयात्री सफा और मरवा नाम की दो पहाड़ियों के बीच सात बार चलते और दौड़ते हैं. यह हजरत हाजिरा (इब्राहिम अलैहिस्सलाम की पत्नी) की पानी की तलाश की याद में किया जाता है.
  4. हलक या कसर (Halaq or Qasr): उमराह का अंतिम चरण हलक (सिर मुंडवाना) या कसर (बाल छोटे करवाना) है. पुरुष आमतौर पर अपने सिर मुंडवाते हैं, जबकि महिलाएँ अपने कुछ बाल छोटे करवाती हैं. इसके बाद एहराम उतारा जा सकता है, और उमराह पूरा माना जाता है.

यह दुखद है कि इस पवित्र यात्रा के दौरान ऐसी त्रासदी हुई. हमारी संवेदनाएँ उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने इस दुर्घटना में अपनों को खोया है. यह हादसा धार्मिक यात्राओं में सुरक्षा के महत्व को भी उजागर करता है.