सर्दी में महंगाई ने किया माहौल गरम, मिस्र के बाद अब इस देश से आएगा 11 हजार टन प्याज

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नई दिल्‍ली। जब तक सब्जी सलाद में प्याज न हो तो खानें का अधूरा माना जाता है, यही प्‍याज की किल्‍लत का हाल आज के ​इन दिनो हमें देखने को मिल रहा है। बता दें कि दिसंबर की सर्दी में प्याज इस वक्त आंसू निकाल रहा है. प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं और आम आदमी चिंता में डूबा हुआ है. ऐसे में अब सरकार ने तुर्की से प्याज मंगाने का तय किया है. MMTC की तरफ से तुर्की से 11 हजार टन प्याज़ मंगाया जाएगा, ताकि बढ़ती हुई कीमत पर कुछ लगाम लगाई जा सके. इन दिनों प्याज देश में 80 से 130 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है.

आपको बता दें कि सरकारी ट्रेडिंग फर्म MMTC ने केंद्र सरकार की तरफ से प्याज का ऑर्डर दिया है. फर्म की ओर से 11000 टन प्याज का ऑर्डर दिया गया है, ताकि देश में प्याज की सप्लाई बढ़ाई जा सके और दाम कुछ कम हो सकें. गौरतलब है कि दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक देश के कई शहरों में प्याज की कीमत आसमान छू रही है और लोगों का गुस्सा सरकार पर फूट रहा है.

जानिए प्‍याज की किल्‍लत के पीछे क्या है बड़ी वजह

इस बढ़ती महंगाई के समय शहर-शहर में राजनीतिक दल केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला-बोल रहे हैं. वहीं मुसीबत इतनी बढ़ गई है कि बेंगलुरु के मशहूर रेस्तरां के मेन्यू से अनियन डोसा ही हट गया है क्योंकि दाम इतना बढ़ रहा है.

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अब वाराणसी में प्याज बेचने की तैयारी में हैं. दूसरी ओर कांग्रेस भी सरकार से इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही है. वहीं दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने स्टॉक से प्याज नहीं निकाला है, यही कारण है कि प्याज की कीमत बढ़ती जा रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज मिस्र से मंगाने का अनुबंध किया है जो अगले 10 दिनों में देश के बाजारों में उतर जाएगा, जिसके बाद कीमतों में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है.

आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में रविवार को प्याज का खुदरा भाव 80-120 रुपये प्रति किलो था. दिल्ली की आजादपुर मंडी एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, देश की राजधानी में शनिवार को प्याज का थोक भाव 20-62.50 रुपये प्रति किलो था जबकि आवक 828 टन थी.

वहीं प्याज के दाम की निगरानी के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया गया है जिसमें वित्तमंत्री, उपभोक्ता

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