Jyotish Tips: पीपल के नीचे बैठने से मन शांत होता है, जानिए इससे जुड़ी खास बातें

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नई दिल्ली: वैशाख मास की पूर्णिमा को पीपल पूर्णिमा कहा जाता है. जी हाँ और इस दिन पुराणों में पीपल की पूजा का महत्व बताया गया है. हालांकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार पीपल पूर्णिमा व्रत 16 मई 2022 सोमवार को मनाया जाने वाला है. आपको बता दें कि हिंदू धर्म ग्रंथों में पीपल को अमृत समान माना गया है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पीपल की कुछ खास बातें.

पीपल का हर तत्व जैसे छाल, पत्ते, फल, बीज, दूध, बाल और कोपल और लाख सभी प्रकार के रोगों के निदान में उपयोगी होते हैं। आप शायद नहीं जानते होंगे लेकिन पेड़-पौधों की दुनिया में पीपल ही एक ऐसा पेड़ है जिसमें कीड़े नहीं होते हैं। कहा जाता है कि यह पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ता है, जिसे आज विज्ञान ने स्वीकार कर लिया है। इससे पीपल की छांव में ऑक्सीजन से भरपूर स्वस्थ वातावरण का निर्माण होता है।

पीपल के प्रभाव और वातावरण के कारण वात, पित्त और कफ का शमन-नियमन होता है, साथ ही तीनों स्थितियों का संतुलन भी बना रहता है। आप शायद ही जानते हों, लेकिन पीपल के पेड़ के नीचे कुछ देर बैठने या लेटने से हमारे शरीर की नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है और हमें अपनी सभी चिंताओं को दूर कर मानसिक शांति मिलती है।

पद्म पुराण के अनुसार पीपल की परिक्रमा कर उसकी पूजा करने से आयु में वृद्धि होती है। आपको बता दें कि पीपल को संस्कृत में ‘चलदलतरु’ कहा जाता है। दरअसल हवा न होने पर भी पीपल के पत्ते हिलते नजर आते हैं। ‘अश्वत्थां प्रहुख्यं’ अर्थात अश्वत्थ (पीपल) को काटना देह-हत्या के समान है। जी हाँ और शास्त्रों में पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का वास माना गया है.

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