Kanhaiya Lal murder case: उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या के मुख्य आरोपियों में से एक मोहम्मद जावेद को आज (7 सितंबर) अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से रिहा कर दिया गया। जावेद सवेरे लगभग 8:15 बजे अपना चेहरा छिपाते हुए जेल से बाहर आया और अपने भाई मोहम्मद शमशेर के साथ कार में बैठकर चला गया।
राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार (5 सितंबर) को अपर्याप्त साक्ष्यों का हवाला देते हुए मोहम्मद जावेद को ज़मानत दे दी। जावेद पर कन्हैया लाल की हत्या के मुख्य संदिग्धों के साथ मिलकर साज़िश रचने का आरोप था।
जज पंकज भंडारी और न्यायमूर्ति प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने 2 लाख रुपये के जमानत बांड और 1 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने पर उसे रिहा करने का आदेश दिया। जमानत की शर्तें तय करते हुए पीठ ने उसे बिना अनुमति के भारत से बाहर यात्रा करने से रोक दिया और चल रही एनआईए जांच में सहयोग करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए माना कि जावेद के खिलाफ सबूत अपर्याप्त हैं और उसे हिरासत में रखना जरूरी नहीं है। एनआईए ने जांच करते हुए रियाज अत्तारी, गौस मोहम्मद व अन्य को गिरफ्तार कर एनआईए कोर्ट में चार्जशीट पेश की। मामले में पाक निवासी आरोपी सलमान व अबू इब्राहिम फरार हैं।
बता दें कि एनआईए ने जावेद को कन्हैया लाल की हत्या के 20 दिन बाद 28 जून 2022 को गिरफ्तार किया था। उस पर घटना से एक दिन पहले मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी से मिलने का आरोप था। उसके घर की तलाशी के दौरान एक कुंद तलवार मिली थी। इसलिए उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
गिरफ्तारी के वक्त 19 वर्षीय जावेद इस मामले में अरेस्ट किए गए नौ लोगों में से आठवां था। मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को हत्या के कुछ ही घंटों के भीतर पकड़ लिया गया था, जबकि जावेद समेत अन्य को बाद में अरेस्ट किया गया।
जावेद इस मामले में जमानत पाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले, 31 वर्षीय फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला को जुलाई 2022 में गिरफ्तारी के समय सितंबर 2023 में जमानत दी गई थी।
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