सुहागिन महिलाओं का सबसे खास व्रत करवा चौथ आज देशभर में मनाया जा रहा है। यह विशेष व्रत पतियों की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं दिनभर बिना अन्न और जल के व्रत रखती हैं और शाम को छलनी से चांद को देखकर अपना व्रत खोलती हैं। बाजारों में भी करवा चौथ को लेकर खूब सजावट है। देशभर में सभी छोटे-बड़े शहरों में लोगों ने मेहंदी लगाने के लिए दुकानें खोल रखी हैं।
करवा चौथ पर महिलाएं हाथों में डिजाइनर मेहंदी लगाती हैं। इस दिन सुहागिनों को चांद के दीदार का बेसब्री से इंतजार रहता है। हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार कार्तिक महीने की पूर्णिमा के चौथे दिन मनाया जाता है। पूरे दिन, विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करती हैं । करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक कठिन उपवास रखती हैं।
इस अवधि के दौरान कुछ खाना या पानी पीना वर्जित होता है। इसके बाद जब चंद्रोदय हो जाता है, तो वे भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ गणेश जी की पूजा भी की जाती है। इस दिन में सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार भी करती हैं। इस दिन पति अपनी पत्नियों को उपहार देते हैं।
करवा चौथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और राजस्थान आदि राज्यों में मनाया जाता है। ज्योतिषियों का कहना है कि आज के ग्रह-नक्षत्र सर्वार्थसिद्धि, सुमुख, अमृत और कुलदीपक योग बना रहे हैं। करवा चौथ पर ऐसा चतुर्महायोग पिछले 100 साल में नहीं बना।
आज बुधवार और चतुर्थी का संयोग भी बन रहा है। इस तिथि और वार, दोनों के देवता गणेश जी ही हैं। इन शुभ संयोग और ग्रह स्थिति से व्रत का पुण्य और बढ़ जाएगा। करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त । पूजा शुभ मुहूर्त- शाम 05:34 मिनट से 06: 40 मिनट तक। पूजा की अवधि- 1 घंटा 6 मिनट, अमृत काल- शाम 07:34 मिनट से 09: 13 मिनट तक । सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन और रात है।
आज देश के अलग-अलग शहरों में चंद्रमा निकलने का समय इस प्रकार है--
दिल्ली-रात 08:15
मुंबई-रात 08:59
कोलकाता-रात 07:45
चंडीगढ़-रात 08:10
पंजाब-रात 08:14
राजस्थान-रात 08:26
लुधियाना-रात 08:12
देहरादून-रात 08:06
शिमला-रात 08:07
पटना-रात 07:51
लखनऊ-रात 08:05
कानपुर-रात 08:08
प्रयागराज-रात 08:05
इंदौर-रात 08:37
भोपाल-रात 08:29
अहमदाबाद-रात 08:50
चेन्नई-रात 08:43
बेंगलुरु-रात 08:54
पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखने की परंपरा सतयुग से चली आ रही--
पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने की परंपरा सतयुग से चली आ रही है। इसकी शुरुआत सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुई। जब यम आए तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोक दिया और अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा से पति को फिर से पा लिया। तब से पति की लंबी उम्र के लिए व्रत किए जाने लगे। करवा चौथ का व्रत रखने के पीछे एक पौराणिक कथा है।
कथा के अनुसार करवा नाम की एक स्त्री अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित एक गांव में रहती थीं। उनके पति बुढ़े और निर्बल थे। एक दिन नदी के किनारे स्नान के दौरान मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया। वह करवा कहकर अपनी पत्नी को पुकारने लगे। पति की पुकार सुन करवा वहां पहुंचीं। करवा के पतिव्रता धर्म का पालन करने से उनके सतीत्व में काफी शक्ति थी। करवा ने अपने पति के प्राण संकट में देख यमराज से प्रार्थना की।
करवा के पतिव्रता होने के कारण यमराज ने उनकी प्रार्थना स्वीकार की और पूछा कि हे देवी आप क्या चाहती हैं। इस पर करवा ने कहा कि मेरे पति के प्राण उस मगरमच्छ के कारण संकट में पड़े हैं। आप उसे मृत्यु दंड दे दीजिए। इस पर यमराज ने कहा कि मगरमच्छ की आयु अभी शेष बची है। तब करवा ने कहा कि यदि आपने उस मगरमच्छ को मृत्यु दंड नहीं दिया, तो मैं अपने तपोबल से आपको श्राप दे दूंगी। उसका साहस देख यमराज भी डर गए और मगरमच्छ को यमपुरी भेज दिया। साथ ही करवा के पति को दीर्घायु होने का वरदान दिया। उसी समय से करवा चौथ व्रत प्रचलन में आया। बाद में महिलाएं सुहाग के लिए व्रत रखने लगीं।
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