मध्यप्रदेश में करवाचौथ की धूम, सोलह श्रृंगार में जुटीं महिलाएं

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मध्यप्रदेश में करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं बुधवार को सुबह से अन्न-जल का त्याग कर निराहार व्रत कर रही हैं। इसके साथ ही शाम को चंद्रमा के पूजन की तैयारियों में जुट गई हैं। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के प्राय: सभी नगरों में ब्यूटी पार्लरों पर सुबह से भीड़ देखने को मिल रही हैं।

Karvachauth Karvachauth

पहले से बुकिंग कराने के बावजूद महिलाओं को श्रृगांर के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। महिलाएं सोलह शृंगार कर पति की दीर्घायु के लिए निराहार रहकर शाम को चांद के निकलने का इंतजार करेंगी और चांद निकलते ही छलनी में दीपक रखकर पूजा-अर्चना कर इस व्रत को तोड़ेंगी।

करवाचौथ की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो गई थीं। मंगलवार को बाजारों में अच्छी-खासी भीड़ रही और महिलाओं ने शृंगार का सामान खरीदने के साथ-साथ साड़ी की खरीदारी की। इसके साथ ही ब्यूटी पार्लरों पर भी एक दिन पहले से ही भीड़ जुटने लगी थी। ब्यूटी पार्लर पहुंचकर महिलाएं मेहंदी लगवा रही हैं तो मेहंदी लगाने वाले भी घर-घर जाकर मेहंदी लगा रहे हैं। करवाचौथ पर पति का चेहरा छलनी में महिलाएं देखेंगी, इसके लिए बाजारों में छलनी, थाली, लोटा और मिट्टी के करवे की दुकानें सजी हुई हैं।

करवाचौथ को लेकर महिलाएं उत्साहित हैं। बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि करवाचौथ पति पत्नी के साथ-साथ बहू के रिश्तों को भी मजबूत करता है। सास बहू को सरगी के रूप में मिठाइयां, फल तथा सिंगार का सामान देती हैं तो इससे आपस में प्यार व आदर की भावना का विकास होता है।

बालाजी धाम काली माता मंदिर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार सुख सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं करवाचौथ पर लगभग 13 घंटे 22 मिनट तक निर्जला व्रत रखेंगी। यह व्रत सुबह सूर्योदय के साथ शुरू हुआ, जो कि रात करीब साढ़े आठ बजे चंद्रमा निकलने तक चलेगा। भोपाल में चंद्रोदय का समय 8.28 बजे है। चंद्रमा के उदय होने के साथ ही व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्रमा को जल समर्पित कर व्रत को पूर्ण करेंगी।

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