Keep these things in mind while donating,, दान करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान, वर्ना नहीं मिलेगा दान का फल

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अगर आप धन का दान करने जा रहे हैं या अन्न का दान करने जा रहे हैं तो ध्यान रखें ये बात नहीं तो आपका दान हो जायेगा निष्फल। कोई भी इंसान अगर दान करता है तो उसके पीछे कोई न कोई कामना होती है चाहे वो सुख समृद्धि , मानसिक शांति,  संतान प्राप्ति इत्यादि किसी भी कामना से दान करते हैं तो इन बातों का रखें ध्यान नहीं तो आपका दान करना हो सकता है व्यर्थ। दान क्या हैं और इसे करने के क्या है नियम। 
जीवन की सबसे सुखद और उपलब्धिपूर्ण स्थिति दाता बनने में है। हर वक्त अभाव का रोना रोते हुए हाथ फैलाना मानवीय गरिमा के विरुद्ध है। जो देता है, प्रथम दृष्टया लोग उसे देवता की दृष्टि से देखते हैं। भले ही वह स्वार्थ या अन्य किन्हीं कारणों से ऊपर से लेने वाला उसे देवता न कहें, तो भी उसका अंत:करण देने वाले को देवता मानने के लिए बाध्य होता रहता है। यह सत्य है कि जब हम नि:स्वार्थ भाव से, बदले में चाहत के बगैर किसी को कुछ देते हैं, तो दान लेने वाले का अंत:करण प्रसन्न होता है। 
शास्त्रों में दान के बहुत महत्त्व बताये गए हैं शास्त्रों के अनुसार दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। दान करने से हमारे द्वारा अनजाने में किये पापों से मुक्ति मिलती है। परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भगवान आप से प्रसन्न रहते हैं । शास्त्रों में दान को लेकर विशेष नियम बताये गए हैं। उन नियमों को ध्यान में रख कर दान किया जाये तो अधिक लाभ मिलता है|
शास्त्रों में कहा गया है की जीवन में एक बार गाय, घर शय्या, कन्या इनमे से एक चीज़ का दान अवश्य करना चाहिए मान्यता है की हमें दान हमेशा सीधे हाथ से करना चाहिए| शिव परिवार में दाएं हाथ की तरफ शिव जी विराजमान होते हैं वहीँ बाएं भाग में पार्वती को दर्शया गया है। इसी कारण दाएं हाथ से दान करने पर दान के शुभ फल प्राप्त होते है और शिव जी प्रसन्न होते हैं। 
दान के अलावा भगवान की पूजा भी दाएं हाथ से करना शुभ माना गया है। दान से मोह का नाश होता है भौतिक पदार्थों से आसक्ति का नाश होता हैं| दान वही कर सकता है जो धन से मोह को त्याग सकता है। दान ही नहीं कोई भी शुभ कार्य सीधे हाथ से ही करना चाहिए| अगर आप दान सीधे हाथ से करते हैं तो तुरंत फल की प्राप्ति होती है और मन को शान्ति मिलती है। 
जब व्यक्ति किसी भौतिक वस्तु को अनजान लोगों को यूं ही दे देता है तो उसके मन में एक बात तो आती है कि जिसे वह जानता नहीं था उसकी मदद कर रहा है, तो परिवार में माता-पिता, भाई-बहन को क्यों मदद न करे। दान से मन बड़ा होता है।

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