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सरगुजा में फर्जी डॉक्टर का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यह फर्जी डॉक्टर किसी और के सर्टिफिकेट के आधार पर नाम बदलकर पिछले डेढ़ साल से अपनी सेवा दे रही थी। फर्जी डॉक्टर का मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस भी हैरान रह गई।

दरअसल सरगुजा की डॉक्टर खुशबू साहू साल 2021 में इंटरशिप के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल गई हुई थी। इस दौरान महिला का सर्टिफिकेट गुम हो गया। इसकी शिकायत डॉक्टर खुशबू ने रायपुर के थाने में भी की। पुलिस उनका सर्टिफिकेट ढूंढ पाती इससे पहले ये सर्टिफिकेट फर्जी डॉक्टर वर्षा वानखेड़े के हाथ लग गया।

महिला डॉक्टर के सर्टिफिकेट को पुलिस थाने में जमा करने की बजाए आरोपी वर्षा वानखेड़े ने उस सर्टिफिकेट का डेढ़ साल तक गलत इस्तेमाल किया। आज थाना कोतवाली अंतर्गत प्रार्थिया के द्वारा आकर शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उसके जो एमबीबीएस डिग्री का फर्जी रूप से उपयोग करते हुए एक युवती के द्वारा विगत लगभग सवा सवा साल से डेढ़ साल तक यहां पर जो एक प्राइवेट हॉस्पिटल है वहां पर अपनी सेवाएं दे रही है।

ऐसी सूचना प्राप्त होने पर चूंकि यह गंभीर मसला था। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एक स्पेशल टीम गठित की गई जिसमें सीएसपी राजनांदगांव और साथ ही थाना प्रभारी राजेश सिंह एवं प्रदीप जॉन लकड़ा थाना प्रभारी गांधीनगर के नेतृत्व में टीम बनी और उसमें उक्त महिला जिसका मेडिकल के खिलाफ आरोप लगाया गया था उसे बुलाकर उससे पूछताछ की गई।

पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसके द्वारा इस प्रकार से फर्जी डिग्री प्रयोग करके नौकरी किया जा रहा है। जिस आधार पर उनको उसके घर से हमने जो जो फर्जी डिग्रियां फर्जी जो सर्टिफिकेट है, जो वास्तविक डॉक्टर प्रार्थिया की थी उसको जप्त किया है और साथ ही साथ इसमें आरोपियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही।

सर्टिफिकेट के आधार पर पहले आरोपी ने अपना नाम बदलकर खुशबू साहू रख लिया। उसके बाद फेक डॉक्यूमेंट्स के सहारे वह अंबिकापुर शहर के एक प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल में बतौर डॉक्टर अपनी सेवा देने लगी। डेढ़ साल बाद जब इस मामले की जानकारी डॉक्टर खुशबू साहू को लगी तो उसने फौरन सरगुजा पुलिस से इस मामले की शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत आरोपी महिला को धरदबोचा और उसके पास से डॉक्टर खुशबू के सर्टिफिकेट भी बरामद कर लिए। फिलहाल महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। 

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