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पीएम मोदी की अहम योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत देश भर में 51 करोड़ से अधिक जन धन बैंक खाते खोले गए हैं। इस जनधन बैंक खाते को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इन जनधन बैंक खातों में से 10 करोड़ से ज्यादा बैंक खातों के निष्क्रिय होने की बात सामने आई है। इन निष्क्रिय बैंक खातों में पांच करोड़ से ज्यादा बैंक खाते महिलाओं के नाम पर हैं। इन निष्क्रिय खातों में लोगों के कुल 12 हजार 779 करोड़ रुपये जमा हो गए हैं।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कुछ दिन पहले राज्यसभा में पीएम जनधन योजना से जुड़े एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी थी। भागवत कराड ने कहा कि निष्क्रिय जनधन खातों का प्रतिशत बैंकिंग क्षेत्र में कुल निष्क्रिय खातों के प्रतिशत के समान है। कुल 10 करोड़ 34 लाख निष्क्रिय जनधन खातों में से 4 करोड़ 93 लाख खाते महिलाओं के हैं। कुल जमा में निष्क्रिय जनधन खातों की हिस्सेदारी 6.12 फीसदी है।

भागवत कराड ने कहा कि खाते निष्क्रिय होने के कई वजह हैं। इसका बैंक खाताधारकों से कोई सीधा संबंध नहीं है। कई महीनों तक इन खातों से लेनदेन नहीं होने के कारण ये खाते बंद हो गए होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, यदि किसी ग्राहक ने दो साल से अधिक समय तक बैंक खाते से लेनदेन नहीं किया है, तो संबंधित बचत या चालू खाता निष्क्रिय माना जाता है। कराड ने कहा कि बैंक निष्क्रिय खातों का प्रतिशत कम करने का प्रयास कर रहा है। सरकार द्वारा इसकी नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है।

कराड ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि हालांकि ये खाते फिलहाल निष्क्रिय हो गए हैं, मगर इन खातों पर सक्रिय खातों की तरह ही ब्याज मिलता रहेगा। साथ ही, इन खातों को दोबारा खोला और निकाला जा सकता है।