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Up Kiran, Digital Desk: देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद उपराष्ट्रपति के चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और अब यह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का सबसे अहम मुद्दा बन चुका है। जैसे-जैसे मतदान की घड़ी करीब आती जा रही है, भारतीय जनता पार्टी ने अपने संभावित उम्मीदवारों पर मंथन तेज़ कर दिया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इस बार का चुनाव सिर्फ एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि राजनीतिक संतुलन और भविष्य की रणनीति तय करने का अवसर बन चुका है।

संभावित चेहरों की लिस्ट तैयार

नामों की चर्चा दिल्ली से लेकर लखनऊ, पटना और बेंगलुरु तक चल रही है। संभावित उम्मीदवारों में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान प्रमुख नाम माने जा रहे हैं। इसके अलावा गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, कर्नाटक के थावरचंद गहलोत, सिक्किम के ओम माथुर और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी गंभीरता से विचाराधीन हैं।

पार्टी के भीतर सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ विचारक शेषाद्रि चारी का नाम भी फाइनल लिस्ट में है। वहीं बिहार को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम भी आगे लाया गया है, जो क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिहाज़ से एक समझदारी भरा विकल्प माना जा रहा है।

अचानक इस्तीफा और बढ़ती अटकलें

21 जुलाई को तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया, लेकिन सियासी गलियारों में यह कदम अचानक नहीं माना जा रहा। अंदरखाने की खबरों के मुताबिक़, उनके और केंद्र सरकार के बीच कुछ गंभीर मतभेद उभरे थे, जिनमें न्यायपालिका से जुड़े मुद्दे खासतौर पर रहे। खासतौर पर जब न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग के मसले पर सरकार की लाइन से अलग रुख अपनाया गया, तब से चीज़ें और जटिल हो गईं।

पीएम और पार्टी अध्यक्ष लेंगे अंतिम फैसला

भाजपा के लिए यह चुनाव एक बार फिर नेतृत्व की परीक्षा बन गया है। एनडीए के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को ही यह अधिकार सौंपा है कि वे उपयुक्त उम्मीदवार तय करें। अगला हफ्ता निर्णायक होने वाला है, जिसमें एनडीए के प्रमुख घटक दलों और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की एक बड़ी बैठक संभावित है। यह न सिर्फ रणनीति तैयार करने का मंच होगा, बल्कि एक प्रकार का शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को सभी एनडीए सांसदों को संसद परिसर में एक अहम बैठक के लिए बुलाया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। यह बैठक पार्टी के अंदर माहौल को एकजुट करने और विपक्ष को एक संदेश देने की दिशा में अहम मानी जा रही है।

चुनाव की प्रक्रिया और शर्तें

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य मिलकर करते हैं। यह प्रक्रिया पूर्णतः गुप्त मतदान के ज़रिए होती है। संविधान के अनुसार, मध्यावधि में निर्वाचित उपराष्ट्रपति भी पांच वर्षों का पूरा कार्यकाल पूरा करता है। उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए और उसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए। साथ ही, वह राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो, यह अनिवार्य है।