आज कल अक्सर लोगों में भूलने कि बीमारी पाई जा रही हैं जो आने वाले समय में बहुत नुकसानदायक साबित होने वाला हैं क्योकि भूलने की बीमारी ‘अल्जाइमर (Alzheimer)’ के खतरे को कम करने को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि डायबिटीज (Diabetes Symptoms) की कुछ दवाओं के इस्तेमाल से इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।
रिसर्च के अनुसार, अध्ययन से पता चला है कि टाइप-2 डायबिटीज (Diabetes Symptoms) में ब्लड शुगर कम करने वाली कुछ खास दवाओं का सेवन करने वाले लोगों के मस्तिष्क में एमिलाइड कम पाया गया। यह एक प्रोटीन है, जो अल्जाइमर का बायोमार्कर है। इसका संबंध अल्जाइमर समेत कई बीमारियों के बढ़ने से है।
अमेरिकन एकेडमी आफ न्यूरोलाजी पत्रिका में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के मुताबिक, डाइपेप्टिडाइल पेप्टिडेज-4 इंहिबिटर्स नामक इन दवाओं का इस्तेमाल करने वाले लोगों में याददाश्त में गिरावट (Diabetes Symptoms) भी कम पाई गई। इन दवाओं को ग्लिप्टिंस भी कहते हैं। टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ितों का शरीर ब्लड शुगर को नियंत्रित नहीं कर पाता है।
इन मरीजों में जब डायबिटीज (Diabetes Symptoms) की दूसरी दवाएं काम नहीं कर पाती हैं, तब इन दवाओं की सलाह दी जाती है। संतुलित आहार और एक्सरसाइज के साथ ये दवाएं ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
दक्षिण कोरिया की योंसेई यूनिवर्सिटी कालेज आफ मेडिसिन रिसर्च के फिल ह्यू ली ने कहा, ‘डायबिटीज पीड़ितों में अल्जाइमर बीमारी का खतरा अधिक पाया जाता है। (Diabetes Symptoms)
उच्च स्तर पर ब्लड शुगर के कारण यह खतरा हो सकता है। यह बीमारी मस्तिष्क में एमिलाइड-बीटा के बनने से संबंधित है।’ उन्होंने बताया, ‘हमारे अध्ययन से यह साबित हुआ है कि डाइपेप्टिडाइल पेप्टिडेज-4 इंहिबिटर्स के इस्तेमाल से न सिर्फ ब्लड शुगर कम रहता है बल्कि मस्तिष्क में एमिलाइड भी कम होता है।’ (Diabetes Symptoms)