नई दिल्ली॥ पूरे विश्व के साइंटिस्ट वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं ताकि कोविड-19 का खात्मा हो और पूरा विश्व एक बार फिर सामान्य रूप से जीवन यापन करें। दरअसल ब्रह्माण में 29 अप्रैल को धरती के निकट एक विशाल उल्कापिंड गुजरने वाला था जो यदि धरती से टकरा जाता। तो विश्व में तबाही मच जाती। लेकिन अब ये खतरा पूरी तरह समाप्त हो गया है क्योंकि उल्कापिंड पृथ्वी के पास से गुजर चुका है।
बहुत वक्त से ही विश्व के कई वैज्ञानिक उल्कापिंड पर रिसर्च कर रहे हैं। इस दौरान साइंटिस्ट इसे धरती से दूर रखने की कोशिशों में लगे थे ताकि किसी भी तरह उल्कापिंड धरती को कोई हानि पहुंचाए बिना ही पास से गुजर जाए। और ऐसा हो भी गया। वैज्ञानिक की तमाम कोशिशे रंग लाई है।
इस बीच एक प्रश्न ये भी खड़ा हो रहा है कि यदि ये उल्का धरती से टकरा जाता। तो क्या होता? धरती की कैसी हालत होती। लेकिन इन खई प्रश्नों का उत्तर सिर्फ एक शब्द से मिल सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यदि ये उल्कापिंड पृथ्वी से टकरा जाता। तो यहां पर ‘तबाही’ जाती।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्स में बहुत से उल्कापिंड, धूमकेतु और क्षुद्र ग्रह तैर रहे है। ये बढ़ी तेजी से बेकाबू होकर तैरते है। जिन्हें रोकपाना न मुमकिन है। ये ग्रह किसी भी अन्य ग्रह के गुरुत्वार्कषण के दायरे में आने पर उससे टकरा जाते है और फिर खत्म हो जाते है लेकिन अपने पीछे भयानक तबाही अवश्य छोड़कर जाते है।