नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सोमवार को 11 घंटे चली सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता भारतीय क्षेत्र से चीनियों के निर्माण न हटाने के जिद पर फिर आकर अटक गई। इसलिए आज मंगलवार को फिर तीसरे दौर की वार्ता होगी। सोमवार को हुई बैठक की सिर्फ एक यही उपलब्धि रही कि चीन ने एक हफ्ते बाद गलवान के हिंसक संघर्ष में अपने कमांडिग ऑफिसर के मारे जाने की बात कबूल कर ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे जमीनी हालात देखने और अब तक चीनी सेना के साथ हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा करने आज लेह जाएंगे।
चीन के आग्रह पर बुलाई गई कमांडर स्तर की यह बैठक सुबह 11.30 शुरू होकर देर रात तक चली। वार्ता में भारत ने चीन से दो टूक कहा कि पहले लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपनी सेना हटाकर 2 मई से पहले की स्थिति बहाल करें, तभी आगे की बातचीत संभव है। यानी कि भारत की ओर से साफ-साफ शब्दों में कह दिया गया है कि चीन अपने क्षेत्र में वापस लौटे लेकिन चीन अपना कब्जा हटाने की बात तो दूर, वह गलवान घाटी क्षेत्र को अपना ही बताने की जिद पर अड़ा है।
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सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे मंगलवार (आज) को अब तक चीन के साथ हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा करने लद्दाख के दौरे पर जाएंगे। चीन से गतिरोध के बाद उनकी एक महीने में यह दूसरी लद्दाख यात्रा होगी। इससे पहले वे आज सेे ठीक एक महीने पहले 23 मई को गोपनीय दौरे पर लेह पहुंचे थे और लद्दाख में 14वींं कोर के मुख्यालय का दौरा करके सुरक्षा व्यवस्थाओं को समझा था।
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जनरल नरवणे दिल्ली में शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद लेह के लिए रवाना होंगे। वह 14 कोर अधिकारियों के साथ जमीनी हालात और चीनी सेना के साथ अब तक हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा करेंगे। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद सेना प्रमुख पहली बार लेह जा रहे हैं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया 19 जून को लेह और श्रीनगर एयरबेस का दौरा करके तैयारियों का जायजा ले चुके हैं।