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अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए पाँच यात्रियों की मौत हो गई है। टाइटैनिक का मलबा देखने ले जाने वाली कंपनी ओशिन गेट ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है। इसके साथ ही कंपनी ने पाँच यात्रियों की मौत पर दुख जताया है।

कंपनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि हमें इन लोगों की जान जाने का बेहद दुख है। बता दें कि ओशिन गेट कंपनी की टाइट नाम की एक पनडुब्बी साल उन्नीस सौ ग्यारह में अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जा जहाज के मलबे को देखने के लिए ले गई थी, जिसमें पाँच लोग सवार थे। ये पनडुब्बी रविवार सुबह रवाना हुई थी लेकिन कुछ ही घंटे बाद इसका संपर्क टूट गया था।

ऐसा नहीं है कि पहली बार कोई यात्री पनडुब्बी में सवार होकर अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए हैं। इससे पहले टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए लोगों ने अपने भयावह अनुभवों के बारे में बताया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक दो साल पहले टाइटैनिक मलबे को देखने के लिए गए। एक यात्री ने बताया की यात्रा के दौरान सभी लोगों को पता था कि वो रिस्क उठा रहे हैं, उतनी गहराई में जाने के बाद अगर कुछ हुआ तो हम कुछ नहीं कर पाते। ये भी हम लोगों को पता था। इस यात्रा में कुछ भी खास नहीं था और ना ही इसमें ज्यादा जगह थी।

2021 में टाइटैनिक का मलबा देखने गए आरोन न्यूरो मान ने अपने एक इंटरव्यू में बताया की जहाज चोट कुछ ही मिनट के बाद पूरी तरह अंधेरे में हम लोग पहुँच चुके थे। ऐसी स्थिति में पनडुब्बी की लाइट जो थी वो दिख रही थी जिनसे बाहर या अंदर देखा जा सकता था। इन लाइटों की मदद से बिना कोई भी सौ मीटर से ज्यादा नहीं देख सकता था।

पिछले साल इस ट्रिप पर गए माइक रीस और उनकी पत्नी ने बताया की यात्रा के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा था। समय कम था और समुद्र में हमारी पनडुब्बी से कुछ टकराने वाला था लेकिन हम लोग सही सलामत आ गए। जब हमने यात्रा के लिए पनडुब्बी में पैर रखा था तब हम जानते थे कि हमारे साथ क्या हो सकता है। हम कभी वापस लौटेंगे भी की नहीं लौटेंगे।

वहीं पिछले साल ही टाइटैनिक का मलबा देखने गए डेविड भोगने खुलकर इस यात्रा के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान कुछ भी होने की स्थिति में आपके हाथ में कुछ भी करने लायक नहीं होता है।

उन्होंने बताया कि अंदर मौजूद लोगों की जान चली भी जाए तो भी पनडुब्बी लौट सकती है। उन्होंने बताया कि सैंतीस फीट नीचे जाने के बाद तकनीकी समस्या आ गई थी जिसके बाद वापस आना हम लोगों को वापस आना पड़ा था। यात्रा रद्द हो गई थी वो सदमे में चले गए थे।

 

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