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कर्नाटक के उडुपी में एक पैरामेडिकल कॉलेज के टॉयलेट में स्पाई कैमरे से वीडियो रिकॉर्ड करने का मामला सामने आया है। इसके बाद पुलिस ने नेत्र ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ अलाइड हेल्थ साइंसेज की ही तीन छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। ऐसे मामले सिर्फ गर्ल्स हॉस्टल में ही नहीं बल्कि होटल के कमरे से लेकर गारमेंट शॉप के चेंजिंग रूम तक में सामने आते रहे हैं। इसलिए आज बात काम की में हम आपको बताएंगे कि आप किसी भी अनजान जगह पर हिडेन कैमरे की तलाश कैसे कर सकते हैं। होटल से लेकर चेंजिंग रूम तक में स्पाई कैमरे को कैसे खोज सकते हैं।

सबसे पहले बात चेंजिंग रूम की करते हैं। गारमेंट शॉप से लेकर शोरूम और मॉल में चेंजिंग रूम कॉमन है। ऐसे में चेंजिंग रूम में स्पाई कैमरे की शिनाख्त कैसे की जाए। आपको बताते हैं चेंजिंग रूम में दाखिल हो तो इसके एक कोने को अच्छे से चेक कर लें। मोबाइल में हिडेन कैमरा खोजने वाले एप जरूर रखें।

कई बार स्पाई कैमरे वाईफाई से लिंक रहते हैं। चेंजिंग रूम में लाइट बंद कर शीशे पर फ्लैश लाइट जलाएं। अंधेरे में फ्लैश लाइट जलाने पर नॉर्मल शीशा होगा तो लाइट चमकेगी। शीशे के पीछे कुछ होगा तो फ्लैश लाइट ऑन करने पर आसानी से दिख जाएगा। शीशे को टच करें। उंगली की परछाई और फिंगर के बीच गैप है तो शीशा नॉर्मल है। शीशा टच करने पर अगर फिंगर और उंगली की परछाई के बीच स्पेस नहीं है तो दूसरी तरफ जरूर कुछ होगा।

चेंजिंग रूम के अलावा हॉस्टल, होटल, बाथरूम जैसी जगहों पर स्पाई कैमरा छिपाकर लगाया जा सकता है। कई बार तो इसके जरिए दूसरों को ब्लैकमेल भी किया जाता है। होटल या हॉस्टल रूम में लगे हिडन कैमरे को कैसे खोजा जा सकता है? अब आपको बताते हैं होटल के कमरे में दाखिल हो तो सबसे पहले कमरे की लाइट बंद कर मोबाइल फ्लैश लाइट से कमरे को चेक करें। कैमरे में कुछ अजीब दिखे तो उसे तौलिए से छिपा दें और अलमारी में डाल दें।

कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो समझ में नहीं आ रहा तो उसे अनप्लग कर ढक दें। किसी को फोन कर आवाज चेक करें। अगर आवाज में ब्रेक और वाइब्रेशन है तो कमरे को जरूर चेक करें। हिडन कैमरों में अक्सर इंफ्रारेड ब्लास्टर लगे होते हैं, जो उन्हें अंधेरे में भी रिकॉर्डिंग करने में मदद करते हैं। कोई भी इंसान अपनी आंखों से इंफ्रारेड ब्लास्टर लाइट का पता नहीं लगा सकता। यही वजह है कि इन कैमरों को अंधेरे में देखना नामुमकिन है। हालांकि मोबाइल कैमरे, इंफ्रारेड स्पेक्ट्रम से लाइट का पता लगाया जा सकता है। 

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