लव जिहाद : यूपी में धर्मांतरण कराने पर होगी इतने साल की सजा, धर्म गुरु भी जाएंगे जेल

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लखनऊ। प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने की तेजी होती कवायद के बीच उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि नए कानून में अवैध तरीके से धर्मांतरण पर सजा का प्रावधान होगा।
Love Jihad
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने मंगलवार को कहा कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं। लेकिन, नए कानून में व्यवस्था अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर है जिसमें तीन साल, सात साल और दस साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी।
न्यायमूर्ति मित्तल के मुताबिक धर्म परिवर्तन कराने वाले धर्म गुरु भी दोषी पाए जाते हैं तो वो भी सजा के हकदार होंगे। उन्होंने बताया कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को जिलाधिकारी को धर्म परिवर्तन के संस्कार से पहले और परिवर्तन के बाद सूचना देनी होगी। इसमें पीड़ित की याचिका की सुनवाई के लिए लोवर कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई की जाने का प्रावधान है। इसके लिए अलग से कोई ट्राइब्यूनल नहीं बनाया जाएगा।
दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को अपने एक फैसले में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसन्द के व्यक्ति के साथ, चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला हो, रहने का अधिकार है। यह उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का मूल तत्व हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी व न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रियंका व सलामत की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि वह दोनों बालिग हैं और 19 अक्टूबर, 2019 को उन्होंने मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह किया है। इसके बाद प्रियंका ने इस्लाम को स्वीकार कर लिया है और वह ‘आलिया’ बन गई। एक साल से वह दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं। प्रियंका के पिता ने इस रिश्ते का विरोध करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका दाखिल की थी। मामले में याचिका का विरोध करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना प्रतिबंधित है और ऐसे विवाह की कानून में मान्यता नहीं है।
न्यायमूर्ति आदित्यनाथ मित्तल के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री को इस विषय पर एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसको लेकर अब सरकार में सक्रियता देखी जा रही है। इस सम्बन्ध में तैयार मसौदे को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं भी लव जिहाद करने वालों को सख्त चेतावनी भी दे चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कड़े लहजे में कहा कि लव जिहाद करने वाले अगर नहीं सुधरे तो अब राम नाम सत्य है की यात्रा निकलने वाली है।
उत्तर प्रदेश राज्य विधि ने अपनी रिपोर्ट में जबरन धर्मान्तरण जैसे ‘गंभीर मसले’ पर नया कानून बनाने की सिफारिश की थी। आयोग ने धर्म की स्वतंत्रता (विधेयक के मसौदे सहित)-उत्तर प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019′ नामक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी।
इसमें आजादी के पहले और बाद, देश और पड़ोसी देशों मसलन नेपाल, म्यामां, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान के कानूनों के अध्ययन के बाद रिपोर्ट को राज्य सरकार के विचारार्थ भेजा गया। इसमें आयोग ने अपनी राय देते हुए कहा कि मौजूदा कानूनी प्रावधान धर्मान्तरण रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और इस गंभीर मसले पर दस अन्य राज्यों की तरह नये कानून की आवश्यकता है। 268 पृष्ठ की इस रिपोर्ट में ‘धर्म क्या है, क्या इसकी व्याख्या की जा सकती है, जबरन धर्मान्तरण पर खबरें, पड़ोसी देशों के धर्मान्तरण विरोधी कानून’ जैसे विषय शामिल किए गए। रिपोर्ट में धर्म से जुड़े मौजूदा कानूनी प्रावधानों और नये कानून की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। आयोग ने मसौदा विधेयक के साथ अपनी सिफारिशें भी सौंपी थी।
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