Up kiran,Digital Desk : रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए क्लोज क्वार्टर बैटल (CQB) कार्बाइन और हैवी वेट टॉरपीडो की खरीद के लिए कुल 4,666 करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए। इन सौदों का उद्देश्य थल और नौसेना दोनों की ऑपरेशनल ताकत को और मजबूत करना है।
सेना और नौसेना को मिलेंगी आधुनिक CQB कार्बाइन
भारतीय सेना और नौसेना के लिए 4.25 लाख से अधिक CQB कार्बाइन और उनसे जुड़े उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके लिए 2,770 करोड़ रुपये का करार भारत फोर्ज लिमिटेड और पीएलआर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया है।
नई कार्बाइन पुराने हथियारों की जगह लेंगी और नजदीकी मुकाबलों में अधिक सटीकता, तेज प्रतिक्रिया और बेहतर मारक क्षमता प्रदान करेंगी। हल्की और कॉम्पैक्ट डिजाइन के कारण ये सीमित जगहों—जैसे शहरी इलाकों और जहाजों—में भी प्रभावी रहेंगी।
समुद्री मोर्चे पर भी मजबूती
इसके साथ ही भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए 48 हैवी वेट टॉरपीडो खरीदने का फैसला किया गया है। इस मद में 1,896 करोड़ रुपये का अनुबंध इटली की कंपनी WASS Submarine Systems के साथ हुआ है।
इन टॉरपीडो की आपूर्ति अप्रैल 2028 से शुरू होकर 2030 की शुरुआत तक पूरी होगी, जिससे नौसेना की छह पनडुब्बियों की युद्ध क्षमता और घातकता में उल्लेखनीय इजाफा होगा।
आधुनिकीकरण पर सरकार का फोकस
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 1.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पूंजीगत अनुबंध किए जा चुके हैं। यह पहल भारत की सेना और नौसेना को आधुनिक, सक्षम और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।




