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Up Kiran, Digital Desk: दूरसंचार मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाते हुए सभी प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया है कि वे अपने नए डिवाइसों में 'संचार साथी' ऐप को पहले से इंस्टॉल करें। यह आदेश एप्पल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो समेत सभी प्रमुख स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए लागू होगा। नए निर्देश के अनुसार, कंपनियों के पास इस नियम का पालन करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है।

स्मार्टफोन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि संचार साथी ऐप स्मार्टफोन के सेटअप के दौरान पहले से इंस्टॉल हो, और उसे उपयोगकर्ता द्वारा हटाया न जा सके। यह कदम सरकार की साइबर सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मोबाइल धोखाधड़ी और चोरी से संबंधित समस्याओं का समाधान करना है।

संचार साथी ऐप: क्या है इसकी खासियत?
संचार साथी ऐप, जो मई 2023 में एक सरकारी वेबसाइट के रूप में लॉन्च किया गया था, अब मोबाइल फ़ोन धोखाधड़ी और चोरी से निपटने के लिए एक प्रभावी समाधान बन चुका है। ऐप का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को उनकी सुरक्षा बढ़ाने में मदद करना है। इस ऐप की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

चोरी या गुमशुदा फोन को ब्लॉक करें:
यदि आपका फोन खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो आप इसे संचार साथी ऐप के माध्यम से ब्लॉक कर सकते हैं। यह देश के सभी दूरसंचार नेटवर्क पर काम करता है, और साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चोरी हुए फोन की लोकेशन ट्रैक करने में भी मदद करता है।

धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें:
यदि आपको कोई धोखाधड़ी का कॉल, SMS या WhatsApp संदेश मिलता है, तो आप इसे सीधे अधिकारियों को रिपोर्ट कर सकते हैं, जिससे कार्रवाई तेज़ी से हो सके।

अपने कनेक्शन की जांच करें

ऐप आपको यह सुविधा भी देता है कि आप अपने नाम से पंजीकृत सभी मोबाइल नंबरों की स्थिति देख सकते हैं और किसी भी संदिग्ध नंबर को रिपोर्ट कर सकते हैं।

केवाईएम (Know Your Mobile)

यह सुविधा आपके स्मार्टफोन की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में मदद करती है, जिससे आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका फोन नकली या डुप्लिकेट तो नहीं है।

साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम

सरकार का मानना है कि स्मार्टफोन में 'संचार साथी' ऐप को प्रीलोड करके, वह देश में साइबर सुरक्षा के खतरों को कम करने में सफल हो सकती है। एक प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि डुप्लिकेट या नकली IMEI नंबरों को रोका जा सके, जो कई घोटालों और नेटवर्क दुरुपयोग का कारण बनते हैं। इस ऐप के माध्यम से, सरकार ऐसे मोबाइल फ़ोन को आसानी से ट्रैक कर सकेगी जो अवैध रूप से बदल दिए गए हैं।

इसी तरह, दूरसंचार विभाग ने एक और निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपने स्मार्टफोन का IMEI नंबर बदलने का प्रयास करता है तो यह 2023 के दूरसंचार अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा। इसके लिए दोषी को तीन साल तक की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।