प्रदेश में बसपा की नींव डालने वाले दो दिग्गज नेताओं को मायावती ने किया निष्कासित

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लखनऊ/अम्बेडकरनगर। उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव 2022 में होगा। अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव में दमदारी से वापसी का दम भरने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अभियान क्लीन चला रखा है। इसी अभियान के तहत गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश में बसपा की नींव डालने वाले जिले के दो आधार स्तंभ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वालों को हरगिज बख्शा नहीं जाएगा

 अंबेडकरनगर उन खास जनपदों में शामिल है जहां से बसपा की नींव पड़ी थी। यहीं पर बसपा का पूर्वांचल कार्यालय भी स्थित है। जीत के साथ मंत्री पद की हैट्रिक लगाने वाले लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से निकाल कर एक तरह से बसपा नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वालों को हरगिज बख्शा नहीं जाएगा। इन दोनों पर हुई कार्रवाई पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण की गई है।
बसपा सुप्रीमो ने लालजी वर्मा को नेता विधानमंडल दल से हटाते हुए शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली जो विधानसभा मुबारकपुर जिला आजमगढ़ से लगातार दो बार से निर्वाचित होते आ रहे हैं को बहुजन समाज पार्टी के विधानमंडल दल का नेता बनाया गया है।

बसपा की राजनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा

 लालजी वर्मा वर्तमान समय में कटेहरी विधानसभा से और राम अचल राजभर अपनी परंपरागत अकबरपुर विधानसभा की सीट से मौजूदा विधायक हैं। लालजी वर्मा बसपा विधान मंडल दल के नेता थे। बसपा द्वारा इन दोनों दिग्गज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिए जाने के कारण जिले में बसपा की राजनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि जिले में बसपा की राजनीति इन्हीं दोनों नेताओं के इर्द गिर्द ही अब तक घूमती रही है।
बहुजन समाज पार्टी से पूर्व में निष्कासित किए गए घनश्याम चंद खरवार की पुनः बसपा में वापसी होने के बाद से ही इन दोनों नेताओं को पार्टी की मुख्यधारा से धीरे-धीरे किनारे लगाया जाना लगा था। जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में पार्टी द्वारा समर्थित प्रत्याशियों को लेकर यह खाई काफी चौड़ी हो गई थी जिसका परिणाम निष्कासन के रूप में सामने आया।
बसपा की तरफ से अपने पदाधिकारियों को यह निर्देश दे दिया गया है कि इन दोनों नेताओं को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाए और ना ही भविष्य में दोनों को कोई चुनाव ही लड़ाया जाए।
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