नई दिल्ली॥ पड़ोसी चीन से चल रहे विवादों के बीच सरकार हिंदुस्तान में रह रहे तिब्बत के रिफ्यूजियों से जुड़ा एक बड़ा कदम उठा सकती है। इसमें हिंदुस्तान में रह रहे 1 लाख से अधिक तिब्बत के लोगों की सहायता को दिए गए फंड की दूसरी किश्त भी देने का निर्णय़ लिया जा सकता है। तिब्बत पर कब्जा करके बैठे दुश्मन देश को इससे मिर्ची आवश्य लगेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार की ओर से गृह मंत्रालय सेंट्रल तिब्बत रिलीफ कमिटी (CTRC) को राहत तथा पुनर्वास पैकेज देने की मंजूरी दे सकता है। यह कमिटी कई प्रदेशों में स्थित 36 तिब्बती पुनर्वास दफ्तरों की देखरेख करती है।
होम मिनिस्ट्री के अनुसार सहायता के लिए पहली बार रुपया 2015-16 में दिया गया था। यह ग्रांट 5 सालों के लिए दिया गया था। लेकिन तब आगे के लिए कुछ साफ नहीं था कि ग्रांट जारी रहेगा या नहीं। खबर के अनुसार CTRC के अफसर ने बताया है कि भारत सरकार से उन्होंने ग्रांट की अपील की है। इसे अगले 3 से 5 वर्ष तक बढ़ाने की मांग की गई है।
ज्ञात करा दें कि 2009 की जनगणना के अनुसार हिंदुस्तान में लगभग 1.10 लाख तिब्बत के शरणार्थी रह रहे हैं। 2014 में सरकार ने इसकी शुरुआत की थी। 5 साल में कुल 40 करोड़ रुपए देने की बात कही गई थी। ये रुपया उनकी मॉनेस्ट्रीज की मरम्मत, वहां सड़क-बिजली से संबंधित निर्माण कार्य करवाने को दिया गया जाता है। बताया गया कि दलाई लामा के CTRC को हर साल 8 करोड़ रुपए दिया गया है।