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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, पंजाब और हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों में अक्टूबर के महीने में भी झमाझम बारिश हो रही है। बीते कई सालों के मुकाबले में इस साल अक्टूबर के शुरुआती 10 दिनों में 500 से 700 फीसदी तक अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि यह सामान्य नहीं है, क्योंकि आमतौर पर 15 सितंबर तक मानसून (Monsoon) खत्म हो जाता है लेकिन इस बार जिस तरह से देर तक बारिश का सिलसिला चल रहा है। वह चिंताजनक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा क्लाइमेट चेंज की वजह से भी हो सकता है। बीते कई सालों के मानसून (Monsoon) के ट्रेंड को देखें तो पता चलता है कि लगातार बारिश देरी से शुरू हो रही है और अक्टूबर महीने तक हो रही है।(Monsoon)

मौसम विभाग के डेटा पर गौर करें तो साल 2019 में 15 अक्टूबर तक मानसून (Monsoon) का दौर चला था। विभाग ने इस साल के लिए भी यही अनुमान जताया है कि 20 अक्टूबर तक मानसून (Monsoon)रहेगा। इससे पहले साल 2020 में भी मानसून 28 सितंबर को आया था और 28 अक्टूबर को समाप्त हुआ था। बीते साल मानसून 25 अक्टूबर को समाप्त हुआ था। मौसम विभाग का कहना है कि साल 1975 से 2021 तक यह 7वां मौका था, जब मानसून से देरी से आया और अब देरी से जायेगा।

दिवाली तक रहती है हल्की गर्मी

बीते कई वर्षों से मानसून अक्टूबर तक खिंच रहा है, जिसकी वजह से सर्दी भी देर से शुरू हो रही है। आपको बता दें कि करीब एक दशक पहले दिवाली तक अच्छी खासी सर्दी पड़ने लगती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। अब सर्दी देरी से शुरू होती है और कई बार होली तक बनी रहती है। इधर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अब भारत में मानसून (Monsoon) के बदले ट्रेंड को देखते हुए फसल चक्र में बदलाव कर देना चाहिए। मालूम हो कि देश में 60 फीसदी खेती योग्य भूमि के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इन इलाकों में मानसून (Monsoon) ही अहम होता है और अगर मानसून देरी से आता है तो उसे पूरा प्रभाव फसल पर पड़ता है।

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