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उत्तर प्रदेश ॥ यूपी के अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्‍ट के गठन के ऐलान के बाद अयोध्‍या के रहने वाले 9 मुस्लिमों ने एक अजीबो-गरीब प्रश्न करते हुए ट्रस्‍ट को लेटर लिखा है। इस लेटर में पूछा गया कि क्‍या राम मंदिर मु़स्लिमों की कब्र पर बनाया जाना चाहिए। इसमें दावा किया गया है कि बाबरी मस्जिद के करीब 4-5 एकड़ में एक वक्त में कब्रिस्‍तान हुआ करता था।

खबर के अनुसार, श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र को लिखे खत में इन लोगों ने बताया कि बाबरी मस्जिद के आसपास कई कब्रिस्‍तान थे। इनके मुताबिक, मस्जिद के आस-पास 4 से 5 एकड़ क्षेत्र का प्रयोग उन मुस्लिमों की कब्र के रूप में हुआ था जिनकी मौत 1855 के दंगों में हुई थी। इस आधार पर इन मुस्लिम नागरिकों ने ट्रस्‍ट से अनुरोध किया है कि इस 4 से 5 एकड़ के इलाके में मन्दिर न बनाया जाए।

इस लेटर में कई तर्क दिए गए हैं। इस लेटर में इनके अधिवक्ता शमशाद ने बिंदु नंबर तीन का उल्‍लेख करते हुए कहा है, ‘दर्ज तथ्‍यों के मुताबिक, 75 मुस्लिम 1855 के दंगों में मारे गए थे और उन्‍हें मस्जिद के इर्दगिर्द मौजूद कब्रिस्‍तान में दफनाया गया था। इसके बाद भी इस जमीन का प्रयोग कब्रिस्‍तान के तौर पर होता रहा। मुस्लिमों ने अपने दावे में कब्रिस्‍तान का मुद्दा भी शामिल किया था। हालांकि, इस्माइल फारुकी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1994 के फैसले के बाद, मस्जिद और राम मंदिर के बीच विवाद 1480 वर्ग गज तक ही सीमित रहा, जो आखिरकार नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से सुलझा लिया गया।’

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इस खत के जरिए वकील शमशाद ने श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थ ट्रस्‍ट से सवाल किया है कि क्‍या वह चाहेगा कि राम मंदिर 1855 के दंगों में मारे गए मु़स्लिमों की कब्र पर बने। खत के 8वें बिंदु में लिखा गया है कि आपको इस बात पर विचार करना है कि भगवान राम जन्‍मस्‍थान के मंदिर की नींव मु़स्लिमों की कब्र पर रखी जा सकती है क्‍या? ये निर्णय ट्रस्‍ट प्रबंधन को लेना है।