
2 जुलाई ये वो तारीख है जब मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन को नई पहचान मिली थी। इस स्टेशन को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शुमार किया गया था। तीन देशों की वास्तुशैली में बना ये स्टेशन न केवल भारत के इतिहास से जुड़ा है बल्कि आज भी लोगों का मन मोह लेता है। ये इमारत या रेलवे स्टेशन नहीं बल्कि मुंबई की पहचान है ये छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से।
इस स्टेशन का इतिहास भारत से तब जुड़ा जब भारत में विक्टोरिया का सिक्का चलता था। भारत में यह पहला स्टेशन है जहां से भारतीय रेल की शुरुआत हुई। 16 अप्रैल 1853 को इसे बोरीबंदर स्टेशन से ठाणे के बीच पहली रेल चली थी। पहली रेल चलने के करीब 33 साल बाद 1878 में इस स्टेशन को बनाना शुरू किया गया।
मुंबई के बोरीबंदर इलाके में बने इस स्टेशन को पहले बोरीबंदर स्टेशन के नाम से जाना गया। 1888 में 10 साल के बाद बनकर तैयार हुआ। तब के जमाने में इसे बनाने में करीब ₹16.13 लाख लगे थे। तब इसे मुंबई की सबसे महंगी इमारत करार दिया गया था। साथ ही उस समय पूरे एशिया की सबसे बड़ी इमारत थी। भारतीय वास्तुकला का ध्यान रखते हुए इसका निर्माण गोथिक शैली में किया गया। इस इमारत में ब्रिटेन, भारत और इटली तीन देशों की वास्तुकला का मिश्रण साफ दिखता है। कई बार इस स्टेशन का नाम बदला गया।
कई बार हो चुका है स्टेशन का नामकरण
पहले बोरीबंदर स्टेशन के नाम से जाना गया। 1887 में इसका नाम विक्टोरिया टर्मिनस हुआ। आज इसे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस नाम से जानते हैं। 2 जुलाई को ही सीएसटी स्टेशन को विश्व हेरिटेज साइट का दर्जा दिया गया है और इसी को लेकर के हर जगह इस तरीके की जो साइट्स है, उनको संभालने का काम यूनेस्को कर रहा है। सीएसटी स्टेशन की बात करें तो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा इसे 2 जुलाई को ही मिला था और उसके बाद से इसका सारा देखरेख और इसको संभालने का काम हेरिटेज डिपार्टमेंट कर रहा है। 2 जुलाई 2004 को इस इमारत को यूनेस्को ने विश्व विरासत की सूची में शामिल कर दिया।
इस टर्मिनस के गेट के दोनों छोर पर बने दूसरे ब्रिटेन और भारत के प्रतीकों को दर्शाते हैं। इस स्टेशन की जालीदार नक्काशी, घुमावदार सीढ़ियां, इमारतों के बीच ऊंचे ऊंचे गुम्बद, छतों की नक्काशी हर किसी का मन मोह लेती है। देश दुनिया के लोगों में इसकी खूबसूरती इतनी भारी कि देश में ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा तस्वीरों में खींचे जाने वाली यह इमारत बन गई। मुंबई की पहचान बन चुकी ये इमारत देश का सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशन है। 13 प्लेटफॉर्म वाले इस स्टेशन से रोजाना करीब 30 लाख यात्री सफर करते हैं।
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