Up kiran,Digital Desk : कल्पना कीजिए, आप सफर के लिए घर से निकलते हैं, एयरपोर्ट पहुंचते हैं और आपको पता चलता है कि आपकी फ्लाइट का कोई अता-पता नहीं है। यह कल्पना आज हज़ारों भारतीयों के लिए एक कड़वी हकीकत बन गई है। इंडिगो एयरलाइंस के संकट ने देश भर के हवाई अड्डों पर हाहाकार मचा दिया है, और यात्री बेबसी और गुस्से के बीच फंसे हुए हैं।
टर्मिनल की ठंडी फर्श ही अब बिस्तर है, सामान का ढेर ही घर का कोना, और हर चेहरे पर बस एक ही सवाल- "हमारी फ्लाइट कब उड़ेगी?"
दिल्ली से हैदराबाद तक, एक जैसी बेबसी
राजधानी दिल्ली का हाल सबसे बुरा है। यहां एक ही दिन में 150 से ज़्यादा उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिसके बाद एयरपोर्ट का टर्मिनल किसी रेलवे वेटिंग रूम जैसा लगने लगा। थके-हारे लोग अपने सामान के साथ जहां जगह मिली, वहीं बैठ गए। किसी को कोई सही जानकारी देने वाला नहीं था, और इसी बेबसी ने धीरे-धीरे गुस्से का रूप ले लिया। जल्द ही, 'इंडिगो मुर्दाबाद!' और 'इंडिगो बंद करो!' के नारों से टर्मिनल गूंजने लगा।
हैदराबाद में भी मंजर कुछ ऐसा ही था। यहां 37 उड़ानें रद्द हुईं और यात्री रात भर एयरपोर्ट पर फंसे रहे। उनका आरोप है कि एयरलाइन ने न तो उनके रहने का कोई इंतजाम किया, न खाने का। यात्रियों ने बताया कि हर घंटे उन्हें बस एक ही दिलासा दिया जाता रहा- 'क्रू बस आने वाला है।' 12 घंटे के लंबे इंतजार के बाद जब सब्र का बांध टूटा तो लोगों ने हंगामा कर दिया।
"अब हम क्या करें, कुछ समझ नहीं आ रहा?"
इस संकट की असली तस्वीर यात्रियों की दर्दभरी कहानियों में दिखती है। जेद्दा से सिलचर जा रहे एक यात्री ने अपनी बेबसी सुनाते हुए कहा, "एक फ्लाइट कल कैंसिल हुई, इसलिए हमें एक दिन और जेद्दा में रुकना पड़ा। आज यहां पहुंचे तो पता चला कनेक्टिंग फ्लाइट फिर से लेट है। हमें खाने-पीने और रहने के बारे में कोई कुछ नहीं बता रहा। इंडिगो स्टाफ कोई जवाब ही नहीं दे रहा है। हम कहाँ जाएँ, क्या करें?"
यही हाल गोवा का था, जहां रायपुर के एक यात्री ने कहा, "मेरी फ्लाइट कैंसिल हो गई। कह रहे हैं कल की ले लो, लेकिन वो भी उड़ेगी या नहीं, कोई गारंटी नहीं। पर और कोई रास्ता भी नहीं है, इसलिए आज यहीं रुकना पड़ रहा है।"
आखिरकार सरकार की नींद टूटी
इस चौतरफा हाहाकार के बीच, अब नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने भी सख्ती दिखाई है। उन्होंने इंडिगो को साफ निर्देश दिए हैं:
- पहले से बताएं: अगर फ्लाइट कैंसिल होने की संभावना है, तो यात्रियों को पहले से सूचित करें, ताकि वे एयरपोर्ट आकर परेशान न हों।
- जल्द सब ठीक करें: एयरलाइन तुरंत अपने परिचालन को सामान्य करे।
- किराया न बढ़ाएं: इस संकट का फायदा उठाकर हवाई किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए।
फिलहाल, यात्री सिर्फ उम्मीद कर रहे हैं कि ये निर्देश सिर्फ बातें न रहें, और उन्हें जल्द ही इस परेशानी से निजात मिले।
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