National Nutrition Month : राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत सदर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत करमहा में गुरुवार को पोषण पंचायत का आयोजन हुआ। बैठक में गर्भवती और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जानकारी दी गयी। कम वजन के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार के लिए टिप्स दिए गए। साथ ही कुपोषण मिटाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी से अवगत कराया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र पर पोषण वाटिका विकसित की जाएगी।
पोषण पंचायत में मुख्य सेविका सीमा दुबे ने कहा कि वजन सप्ताह में जिन बच्चों का वजन, लंबाई और ऊँचाई मानक से कम पाया गया है। उनको सुपोषित करने की दिशा में आवश्यक पहल की जाए। गांव में चिन्हित कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों को सूखा राशन और अन्य पोषाहार से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर पौष्टिक आहार देने के लिए प्रेरित किया जाए। (National Nutrition Month)
बच्चों और गर्भवती को कुपोषण से बचाने के लिए हुई पहल
अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराने की भी पहल की जाए। बैठक में उपस्थित धात्री महिलाओं से कहा गया कि वह कम से कम छह माह तक के बच्चों को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं। छह माह बाद अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखें। इससे बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं से कहा कि वह गर्भावस्था के दौरान कुपोषण से बचने के लिए आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड की गोली लेतीं रहें। पौष्टिक आहार का सेवन करें। हरी सब्जी और मौसमी फल भी लेतीं रहें। समय-समय पर टीकाकरण और चेकअप कराती रहें। प्रसव सरकारी अस्पताल में ही कराएं। (National Nutrition Month)
आंगनबाड़ी केन्द्र पर पर विकसित होगी पोषण वाटिका
ग्राम प्रधान अमरजीत साहनी ने बताया कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए शासन प्रशासन की मंशा के अनुरूप आंगनबाड़ी केन्द्र पर पोषण वाटिका विकसित की जाएगी। ताकि आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकृत बच्चों और गर्भवती को हरी ताजी सब्जी मिल सके। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए सुपोषित करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। ग्राम प्रधान ने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि गृह भ्रमण के दौरान समय-समय पर बच्चों का वजन लेती रहें। गर्भवती की भी समय-समय पर जांच कराती रहें। उचित देखभाल से बच्चों और गर्भवती को कुपोषण से बचाया जा सकता है। (National Nutrition Month)
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत तीन किस्तों में पांच हजार रुपये मिलने की बात
पोषण पंचायत में कुमुदकामिनी, सुनीता देवी, साधना खरवार, रासमनि (सभी आंगनबाड़ी) आशा कार्यकर्ता जनार्दनी देवी, सहायिका लक्ष्मीना और कैलाशी देवी गर्भवती व धात्री महिलाओं में गायत्री देवी, पुष्पा, संगीता, उर्मिला, आराधना व पूजा देवी समेत लाभार्थी बच्चे भी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। ग्राम पंचायत करमहा निवासी तीन माह की गर्भवती गोल्डी ( 22) ने बताया कि वह पहली बार गर्भवती हुई हैं। दो बार जांच करा चुकीं हैं। एक टीका भी लग गया है। आयरन, कैल्शियम की गोली भी मिली है। पोषण पंचायत में उन्हें पौष्टिक आहार, हरी सब्जी, मौसमी फल का सेवन करते रहने की सलाह मिली है। प्रसव सरकारी अस्पताल में ही कराने को बताया गया है। आशा बहन ने पहली बार गर्भवती होने पर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत तीन किस्तों में पांच हजार रुपये मिलने की भी बात बताई है। पंजीकरण कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। (National Nutrition Month)
उर्मिला देवी( 25) ने बताया कि वह अपने पांच माह के बच्चे को स्तनपान ही कराती हैं। कभी ऊपरी या बोतल का दूध नहीं पिलाया है। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता द्वारा यह भी बताया गया कि छह माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान कराएं। छह माह बाद अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखना है। मां का दूध बच्चों को कुपोषण से बचाता है। छह माह का होने के बाद बच्चे का अन्नप्राशन कराकर अनुपूरक आहार के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
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