मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) को अरेस्ट किया है। आठ घंटे तक चली लंबी इनक्वायरी के बाद ईडी ने गिरफ्तारी की। अदालत ने मलिक को आठ दिन यानि 3 मार्च तक ईडी के रिमांड पर भेज दिया है। यह पूरा प्रकरण 300 करोड़ की प्रापर्टी से जुड़ा है।
इस केस में नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) से डी-गैंग (दाऊद इब्राहिम का गिरोह) और दाऊद की बहन हसीना पारकर भी शामिल हैं। आइए जानते हैं किस केस में नवाब मलिक पर कार्रवाई हुई।
जानें क्या है पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार मुनीरा प्लंबर नामक महिला की 300 करोड़ की प्रापर्टी नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) ने डी-गैंग के जरिए हड़प ली थी। इस प्रापर्टी को हथियाने के लिए सॉलिड्स इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का उपयोग किया गया था। इस कंपनी का स्वामित्व नवाब मलिक की फैमिली के पास था। कंपनी को हसीना पारकर (दाऊद की बहन) समेत डी-गैंग के कई लोगों द्वारा नियंत्रित किया गया था।
एक बयान में महिला ने कहा था कि शहर के कुर्ला में गोवाला कंपाउंड के नाम से मशहूर जगह पर उनके पास करीब तीन एकड़ का प्लॉट है। उसे इस बात की सूचना नहीं थी कि उसकी प्रापर्टी डी-गैंग के सदस्य सलीम पटेल द्वारा किसी तीसरे पक्ष को बेची गई थी। मुनीरा ने कहा था कि उन्होंने 18 जुलाई 2003 के बाद प्रापर्टी के किसी भी किराए पर सिग्नेचर नहीं किए थे और न ही उन्होंने किसी को प्रापर्टी बेची थी।
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