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नई दिल्ली। नक्सलवाद देश की सबसे बड़ी संस्या बनी हुई है। आये दिन नक्सली सुरक्षा बालों पर हमले करते रहते हैं। अब सरकार नक्सलवाद की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कदम उठा रही है। इस क्रम में बीएसएफ की तीन बटालियन, जिसमें तीन हजार से अधिक कर्मचारी शामिल हैं, ओडिशा से छत्तीसगढ़ भेजे जाएंगे। इसके अलावा इतनी ही संख्या में आईटीबीपी की इकाइयां नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ में जाएंगी ताकि नक्सलवाद की जड़ को खत्म किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि गत एक दिसंबर को झारखंड के हजारीबाग में बीएसएफ के 59वें स्थापना दिवस पर जवानों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि भारत वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने के कगार पर है। उन्होंने कहा था कि हम देश से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईटीबीपी जैसे बलों द्वारा वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ निर्णायक अभियान चलाए जा रहे हैं। गृहमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी आई है।
जानकारी के मुताबिक़ बीएसएफ और आईटीबीपी की दो-दो और बटालियनों को बाद में छत्तीसगढ़ भेजा जाएगा। चूँकि नक्सली मलकानगिरी, कोरापुट और कंधमाल जैसे ओडिशा जिलों में आगे-पीछे जाने के लिए छत्तीसगढ़ के बस्तर गलियारे का उपयोग कर रहे हैं, इसलिए केंद्रीय बलों को इन दोनों राज्यों की सीमा पर अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस बनाने का काम सौंपा गया है। केंद्रीय बल इस तरह की योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे नक्सलियों को स्थानीय समर्थन न मिल सके।