फेमस यूट्यूबर एल्विश यादव नोएडा पुलिस के शिकंजे में है। एल्विश पर एनडीपीएस एक्ट लगाया गया है। आपको बता दें कि सांपों के जहर की कथित खरीद फरोख्त मामले में उसे अरेस्ट किया गया था।
सूत्रों की माने तो पूछताछ में एल्विश ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को कबूल कर लिया है और बताया है कि पार्टी में शामिल आरोपियों के साथ पहले भी वो रेव पार्टियां कर चुका है। आपको बता दें कि एल्विश पर इल्जाम था कि वो पार्टियों में सांप और सांपों के जहर की सप्लाई करता था।
यादव ने कबूल किया है कि नवंबर में अरेस्ट किए गए आरोपियों के साथ उसका संपर्क था और उनसे जान पहचान भी थी। पुलिस ने एल्विश को 17 मार्च की शाम को अरेस्ट किया। पुलिस ने पांचों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था। इन पांचों की गिरफ्तारी बीजेपी नेता मेनका गांधी की एनिमल वेलफेयर संस्था की पहल पर हुई थी। पुलिस ने उस वक्त एल्विश को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन तब उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। वो जमानत पर बाहर चल रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एल्विश के विरूद्ध आईपीसी की धारा 284, 289, 120 बी और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 की धारा नौ, 39, 48, 49, 50, 51 के तहत केस दर्ज हुआ है।
जानें कितना खतरनाक होता है एनडीपीएस कानून
नोएडा पुलिस ने यादव के विरूद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 के तहत केस दर्ज किया है। आपको बताते हैं कि एनडीपीएस एक्ट आखिर है क्या? इस कानून के तहत तब कार्रवाई की जाती है जब कोई ड्रग्स से जुड़ी साजिश शामिल हो या मामला ड्रग की खरीद फरोख्त से जुड़ा हो। मसलन, इस कानून के तहत सजा पाने वाले दोषी को जमानत मिलना आसान नहीं होता।
एनडीपीएस एक्ट को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांस एक्ट 1985 कहते हैं। इसे 188, दो हज़ार एक, दो हज़ार 14 और दो हज़ार 21 में चार बार संशोधित किया गया। इसका इस्तेमाल नशीले पदार्थों को बनाने, खरीदने, बेचने और सेवन करने वालों के विरूद्ध किया जाता है। इसके तहत चरस, गांजा, अफीम, हेरोइन, कोकीन, मॉर्फिन, एलएसडी, एमएमजी और अल्प्राजोलम आते हैं। इनमें कई ड्रग्स का इस्तेमाल दवाइयों के लिए किया जाता है, लेकिन इनका ज्यादा इस्तेमाल प्रतिबंधित है। इनमें 10 से 20 साल तक की सजा और 1 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है।
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