Up Kiran, Digital Desk: विश्व एड्स दिवस पर बिहार का नाम एक बार फिर पूरे देश में चर्चा में आ गया। वजह बनी सदर अस्पताल की जीएनएम छात्राएं। इन लड़कियों ने अस्पताल से सड़क तक रैली निकाली और ऐसे नारे लगाए कि पहले तो राहगीर ठहाके मारकर हंसने लगे। मगर कुछ पल बाद हर कोई गंभीर हो गया।
“अगर पति आवारा हो तो कंडोम ही सहारा हो” “परदेश मत जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी”
ये नारे सुनकर पहले लोग चौंके। फिर तालियां बजने लगीं। कोई मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगा तो कोई फोटो खींचने में जुट गया। रैली पटेल गोलंबर, कलेक्ट्रेट रोड और ओवरब्रिज होते हुए वापस अस्पताल पहुंची। रास्ते में हर चौराहे पर लोग रुककर पोस्टर पढ़ते और पर्चे लेते दिखे।
लाल रिबन हाथ में बांधे। रंग-बिरंगे प्लेकार्ड लिए। मुंह पर बेबाकी साफ झलक रही थी। छात्राओं का कहना था कि ये मजाक नहीं है। ये सीधा संदेश है। पति बाहर कमाने जाता है तो सिर्फ पैसा लाए। बीमारी नहीं। घर की औरतें अब चुप नहीं रहेंगी। शर्म छोड़कर सवाल करेंगी। कंडोम इस्तेमाल करने को कहेंगी। यही एड्स से बचाव का सबसे आसान तरीका है।
अस्पताल प्रशासन ने भी पूरा साथ दिया। डॉक्टर, नर्स और बाकी स्टाफ रैली में साथ-साथ चले। इससे ये आयोजन सिर्फ रस्मी कार्यक्रम नहीं रहा बल्कि बड़ा जागरूकता आंदोलन बन गया।
एक छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “एड्स कोई गाली नहीं है। ये बीमारी है और बचाव मुमकिन है। बस जरूरत है खुलकर बात करने की। हमने यही संदेश दिया।”
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