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झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शनिवार को भूमि घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल जवाब के दौरान मुख्यमंत्री आवास के बाहर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तैनाती को झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश करार दिया है।

पार्टी ने कहा कि ये संभवत: मौजूदा सरकार को अपदस्थ कर यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश है। झामुमो ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के मद्देनजर रांची जिला प्रशासन ने ईडी अफसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की और उसके कार्यालय को पर्याप्त सुरक्षा दी। इसमें पूछा गया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी और वरिष्ठ मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए थे, तो वहां सीआरपीएफ कर्मियों को तैनात करने का क्या औचित्य था।

झामुमो ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि जनता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे लेकर जिला प्रशासन ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। इसी बीच 500 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान जिला प्रशासन से इजाजत लिए बगैर बसों और ट्रकों से वहां पहुंचे और मुख्यमंत्री आवास में घुसने का प्रयास किया।

जेएमएम का इल्जाम है कि सीआरपीएफ जवानों की उनके कार्यकर्ताओं से झड़प भी हुई। झामुमो ने इसे उकसाने वाला और गैरकानूनी कदम बताया।

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