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Up Kiran, Digital Desk: पानी... हमारे जीवन के लिए कितना अनमोल है, यह बात तो हम सब जानते हैं. लेकिन फिर भी कई बार अनजाने में या अनदेखी के चलते, लाखों लीटर पानी यूँ ही बर्बाद हो जाता है. खासकर बड़े शहरों में, पानी की सप्लाई लाइनों में रिसाव या खराब मैनेजमेंट की वजह से पीने का पानी ऐसे ही बह जाता है. तमिलनाडु के तांबरम (Tambaram, Tamil Nadu) में भी पानी की बर्बादी एक चिंता का विषय रही है. अब इसी समस्या से निपटने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal - NGT) ने एक बड़ा और बहुत ही ज़रूरी कदम उठाया है, जिसने सबको चौंका दिया है! NGT ने आदेश दिया है कि तांबरम में हर तीन महीने (quarterly) में 'पानी का ऑडिट' (water audits) किया जाए और पाइपलाइनों (pipeline checks) की भी पूरी तरह जांच की जाए.

क्यों लिया NGT ने ये सख्त फैसला?

यह फैसला NGT की चेन्नई बेंच ने तब लिया, जब तांबरम में पानी के नुकसान (water loss) और खराब जल प्रबंधन (poor water management) की खबरें लगातार सामने आ रही थीं. सोचिए, जब लोग पीने के पानी की कमी से जूझ रहे हों, और लाखों लीटर साफ पानी ज़मीन में रिस जाए या खराब पाइपलाइनों से बह जाए, तो यह कितना बड़ा नुकसान है!

NGT का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और उससे जुड़े सभी प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना है. पानी इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसलिए, इस आदेश के पीछे यही मंशा है कि तांबरम में पानी की हर एक बूंद को बचाया जा सके और जल संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल हो.

इस आदेश से क्या बदलाव आएगा?

  1. ज़वाबदेही तय होगी: हर तीन महीने में होने वाले वाटर ऑडिट से ये पता चलेगा कि कितना पानी सप्लाई हुआ, कितना इस्तेमाल हुआ और कितना बर्बाद हुआ. इससे जो अधिकारी या विभाग पानी की बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी ज़वाबदेही तय होगी.
  2. लीकेज पर लगेगा ब्रेक: पाइपलाइनों की नियमित जांच से उनमें होने वाले रिसाव का पता चलेगा और समय रहते उन्हें ठीक किया जा सकेगा. इससे लाखों लीटर पानी बर्बाद होने से बचेगा.
  3. जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा: यह पहल लोगों को भी पानी के प्रति और ज़्यादा जागरूक करेगी. उन्हें समझेगी कि जल संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है.
  4. बेहतर जल प्रबंधन: ये ऑडिट और चेक न सिर्फ नुकसान कम करेंगे, बल्कि पूरे जल वितरण सिस्टम को भी ज़्यादा कुशल और प्रभावी बनाएंगे.

यह कदम तांबरम के नागरिकों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आएगा, क्योंकि उन्हें अब साफ पानी की कमी का कम सामना करना पड़ेगा. NGT का यह आदेश तमिलनाडु और शायद पूरे देश के अन्य हिस्सों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है, जहां जल प्रबंधन में सुधार की सख़्त ज़रूरत है. उम्मीद है कि इस फैसले से तांबरम में पानी की हर एक बूंद का सम्मान होगा और उसका सही उपयोग किया जाएगा.