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Up kiran,Digital Desk : अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ गई है। यह बहस है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका के अलग-अलग राज्यों के बीच। ट्रंप ने एक नया 'फरमान' जारी किया है, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि AI को लेकर पूरे देश में एक ही कानून हो, न कि 50 अलग-अलग राज्यों के 50 अलग-अलग कानून।

ट्रंप को किस बात का डर है?

  • चीन से पिछड़ने का डर: ट्रंप ने कहा, "AI पर दुनिया में एक दौड़ लगी हुई है। चीन में किसी भी कंपनी को सिर्फ एक जगह से मंजूरी लेनी पड़ती है। लेकिन अगर हमारे यहां 50 अलग-अलग नियम होंगे, तो हमारी कंपनियाँ बस कागजों में ही उलझी रह जाएंगी और हम यह रेस हार जाएंगे।"

इसे ऐसे समझिए, जैसे एक रेस में चीन की गाड़ी के लिए एक सीधा-साफ रास्ता है, लेकिन अमेरिका की गाड़ी को हर थोड़ी दूर पर एक नए राज्य में रुककर एक नई इजाजत लेनी पड़ रही है। जाहिर है, दूसरी गाड़ी पिछड़ जाएगी।

ट्रंप के इस नए 'फरमान' में क्या है खास?

  1. एक नई टास्क फोर्स: यह टीम उन राज्यों के बनाए गए कड़े AI कानूनों को चुनौती देगी, जो उन्हें लगता है कि बेवजह कंपनियों को रोक रहे हैं।
  2. बोझिल नियमों की लिस्ट: कॉमर्स डिपार्टमेंट को ऐसे सभी नियमों की एक लिस्ट बनाने को कहा गया है, जो कंपनियों के लिए सिरदर्द बन रहे हैं।
  3. फंडिंग रोकने की धमकी: सबसे बड़ी बात, जो राज्य AI पर बहुत ज़्यादा सख्त नियम बनाएंगे, उनकी सरकारी मदद (जैसे ब्रॉडबैंड के लिए मिलने वाला पैसा) रोकी जा सकती है।

हालांकि, ट्रंप के सलाहकार का कहना है कि सरकार सिर्फ बेवजह के और बहुत कठोर नियमों का विरोध करेगी। बच्चों की सुरक्षा जैसे जरूरी नियमों को नहीं छेड़ा जाएगा।

लेकिन, राज्य ये नियम बना ही क्यों रहे हैं?

अब सवाल उठता है कि जब इससे देश की तरक्की धीमी हो सकती है, तो कोलोराडो, कैलिफोर्निया, और टेक्सास जैसे राज्य ये नियम क्यों बना रहे हैं? इसकी वजह आपकी और हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी है।

  • AI अब हर जगह है: आज AI यह तय कर रहा है कि किसे नौकरी के लिए इंटरव्यू पर बुलाना है, किसे बैंक से लोन मिलेगा, और किसे किराए पर घर मिलेगा।
  • भेदभाव का खतरा: कई रिसर्च में यह सामने आया है कि AI कभी-कभी गलत और पक्षपात भरे फैसले लेता है। यह किसी व्यक्ति के लिंग या नस्ल के आधार पर उसके साथ भेदभाव कर सकता है।

राज्य इन्हीं खतरों से अपने नागरिकों को बचाने के लिए नियम बना रहे हैं। वे चाहते हैं कि कंपनियाँ पूरी पारदर्शिता बरतें और यह सुनिश्चित करें कि उनका AI किसी के साथ भेदभाव न करे।

यह अमेरिका में innovación की रफ्तार और आम आदमी की सुरक्षा के बीच एक बड़ी बहस है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।