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शिरोमणि अकाली दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की हड़ताली सरकारी कर्मचारियों पर एस्मा कानून लगाने की धमकी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है। मंत्री भगवंत सिंह मान ने तानाशाही फरमान जारी कर सरकारी कर्मचारियों के अधिकार छीनने की कोशिश की है।

उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारी सरकार का अहम हिस्सा हैं और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को उनके विरूद्ध ऐसा व्यवहार नहीं अपनाना चाहिए.

यहां जारी एक बयान में सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा कि रेवेन्यू कानूनगो एसोसिएशन और रेवेन्यू पटवार यूनियन ने अपनी वाजिब मांगों को लेकर प्रदेश में एक सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। जिसके बाद माननीय सरकार ने कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की धमकी दी है।

ढींडसा ने कहा कि पंजाब सरकार को अपने कर्मचारियों के विरूद्ध ईएसएमए कानून लागू करने के आदेश जारी करने से पहले उनके साथ परामर्श करना चाहिए था और सही रास्ता निकालना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कर्मचारियों के खाली पद भरने, पटवारियों को पूरा वेतन देने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने जैसे कई वादे किए थे, मगर मुख्यमंत्री भगवंत की सरकार बनने के बाद सिंह मान, वह पूरा नहीं हुआ, सरकार सारे वादे भूल गयी है.

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