निर्भया केस: फांसी से पहले इस वजह से चिल्लाकर रोने लगे चारों दोषी, बस हुआ था ये काम

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निर्भया मामले में दिल्ली की एक अदालत ने चारों को दोषी मानते हुए सजा ए मौत सुनाई है, जिसके लिए चारो को फांसी दी जानी है. इसी कड़ी में जेल प्रशासन के तरफ से इसकी तैयारी होनी शुरू हो गई है. बता दें कि जेल में डमी से फांसी का अभ्यास करने से पहले शनिवार को चारों दोषियों के गले का नाप लिया गया। साइज के हिसाब से जेल प्रशासन फांसी का फंदा तैयार करेगा।

आपको बता दें कि इस दौरान चारों दोषियों की लंबाई मापी गई और वजन भी लिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान चारों गुनहगार फूट-फूट कर रोते रहे। वहीँ जेल सूत्रों का कहना है कि फांसी देने से पहले चारों दोषियों की डमी बनाकर उससे अभ्यास किया जाना है। जेल मैन्युअल के तहत यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है। डमी तैयार करने के लिए शनिवार को दोषियों की लंबाई, वजन और गले का नाप लिया गया।

वहीं जेल सूत्रों के मुताबिक, जिस वक्त गुनहगारों की माप ली जा रही थी, उस वक्त वह फफक-फफक कर रो पड़े थे। उन्हें अपने सामने मौत नजर आ रही थी। मौके पर मौजूद जेल कर्मियों ने उन्हें किसी तरह शांत कराया। अधिकारियो ने बताया कि फांसी से पहले कई चीज़ों को लेकर सतर्कता बरतनी पड़ती है. इस दौरान दोषियों के गले का नाप भी लेना पड़ता है.

ज्ञात हो कि फांसी पर लटकाए जाने के बाद एक-एक गांठ खुलती जाती है। इससे गर्दन पर फंदा कसता रहता है। आखिर में गुनहगार की गर्दन टूट जाती है। जेल अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के वजन के हिसाब से फंदे की लंबाई भी तय होती है। 45 किलो वजन वाले के फंदे की लंबाई करीब आठ फिट होती है, जबकि 90 या उससे ज्यादा वजन वालों के फंदे की लंबाई छह फिट।

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