उन्नाव गैंगरेप में निर्भया के दादा ने किया चौंकाने वाला खुलासा, सुनकर खिसक जाएगी पैर तले जमीन

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नई दिल्ली॥ हॉस्पिटल में जीवन के लिए संघर्ष कर रही जलायी गई रेप पीडिता के परिवार वालों को इस बात से खुशी है कि हैदराबाद गैंगरेप मामले में आरोपी मुठभेड़ में मार गिराये गये। वे उन्नाव मामले में भी आरोपियों के लिए ऐसी ही सजा चाहते हैं।

तो वहीं उधर, दिल्ली के बहुचर्चित गैंगरेप कांड की पीड़िता निर्भया के दादा लालजी सिंह ने बलिया में कहा कि हैदराबाद पुलिस द्वारा बलात्कारियों को मुठभेड़ में मार गिराने के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इस तरह के कदम से रेपिस्टों में भय उत्पन्न होगा तथा दरिंदगी की घटनाओं पर रोकथाम लगेगी।

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उन्नाव रेप पीड़िता के पिता ने बताया कि हमें इस बात की खुशी है कि हैदराबाद में बलात्कार करने वालों को मुठभेड में मार गिराया गया। हम अपने मामले में भी ऐसा ही दंड चाहते हैं। पीडिता के चाचा ने मुठभेड को जायज ठहराते हुए बताया कि इस तरह की कार्रवाई से बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने वालों में दहशत होगी क्योंकि यदि दहशत नहीं है तो ऐसे अपराध होते रहेंगे।

चाचा ने बताया कि यदि हैदराबाद मुठभेड जैसी कार्रवाई नहीं की गयी तो बलात्कार करने वालों का मनोबल बढा रहेगा। बलात्कार पीडिता के बिहार थानाक्षेत्र स्थित गांव के लोग भी हैदराबाद में हुई पुलिसिया कार्रवाई को सराह रहे हैं। हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक का बलात्कार कर हत्या करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार सुबह मुठभेड में मार गिराया।

वहीं निर्भया के दादा ने बीते कल को बलिया स्थित अपने पैतृक गांव मेड़वार कला में पत्रकारों को बताया कि हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई काबिले तारीफ है। उनके परिवार को इस कदम से सुकून मिला है। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से हैवानियत की घटनाओं की बाढ़ आ गई है तथा दरिंदगी करने वाले जिस तरह से कानून की जटिलता का लाभ उठा रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसे ही कदम की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि संसद को कानून बना देना चाहिए कि दरिंदगी के मामले में पुलिस सही अपराधियों को तत्काल मुठभेड़ में मार गिराये। इस मामले में पुलिस कार्रवाई पर किसी को भी सवाल नही उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्नाव कांड में भी पुलिस ने तेलंगाना पुलिस की तर्ज पर कार्रवाई कर दिया होता तो उन्नाव की वीभत्स घटना सामने नही आती। उन्होंने कहा कि उनकी पौत्री के साथ सात साल पहले वीभत्स कांड हुआ। आज भी गुनहगारों को फांसी नही मिली। यदि गुनहगारों को फांसी हो गई होती तो देश के लोगों में इस तरह आक्रोश नही होता।

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