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उदयपुर। उदयपुर में नूपुर के समर्थन में पोस्ट करने वाले कन्हैयालाल का गला रेतने के बाद 150 किलोमीटर से दूर राजसमंद में पकड़े गए मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद के इरादे बेहत खतरनाक थे। ये कन्हैयालाल के साथ ही शहर में 5 और लोगों का गला रेतना चाहते थे। इन सभी की रेकी भी करा ली गई थी लेकिन कन्हैयालाल की हत्या के बाद ही हत्यारों को दबोच लिया गया लेकिन स्लीपर सेल को पूरी तरह खत्म किये बिना ऐसी घटना के दोबारा होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है।
बता दें कि उदयपुर हत्याकांड में एनआईए की तरफ से गिरफ्तार किए गए सातवें आरोपी फरहाद उर्फ बबला से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि फरहाद को हिटलिस्ट में शामिल लोगों की रेकी का जिम्मा दिया गया था। फरहाद ने अपने लोकल गैंग की सहायता से कन्हैया सहित 5 लोगों की रेकी की थी।
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि नूपुर शर्मा के समर्थकों की हर डिटेल जुटाई गई थी और रियाज-गौस के साथ ही साजिश में शामिल अन्य लोगों के साथ साझा की गई थी। यह भी बताया जा रहा है कि 16 जून को आरोपियों ने एक गुप्त बैठक की थी जिसमें फरहाद ने ही हत्याकांड के बाद वीडियो बनाने की सलाह दी थी ताकि देश भर में दहशत फैलाई जा सके। फरहाद घटना के मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी का रिश्तेदार है और उसे साजिश की पूरी जानकारी थी।
फरहाद ने ही आरोपी रियाज और गौस को आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई थी। अब फरहाद के गैंग के उन सदस्यों की भी तलाश की जा रही है, जो कन्हैया समेत अन्य लोगों की रेकी में शामिल थे। गौरतलब है कि उदयपुर के दीन शाह कॉलोनी में रहने वाले फरहाद को 30 जून को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।