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कर्नाटक की राजनीति में डीके शिवकुमार एक बड़ा नाम हैं। वह कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें कांग्रेस का 'संकटमोचक' कहा जाता है। उन्होंने कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार बचाई। पहले कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात और अब हिमाचल प्रदेश में डीके शिवकुमार ने पार्टी को संकट से बाहर निकाला है। डीके शिवकुमार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।

कल दिन भर हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गिरने की चर्चाएं होती रहीं। कांग्रेस के कुछ विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की मदद की। इसके चलते कांग्रेस के कई विधायकों की चर्चा हो रही थी। सरकार गिरने की चर्चाओं पर आखिरकार कल रात विराम लग गया। कहा जाता है कि कर्नाटक के डीके शिवकुमार ने हिमाचल प्रदेश में संघर्षरत कांग्रेस सरकार को बचाया था।

हालांकि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी विधायकों के निलंबन से कांग्रेस का संकट टल गया, लेकिन इसके पीछे कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार की रणनीति मानी जा रही है। विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा स्वीकार न किया जाना और उनका नरम रवैया भी इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है। इससे पहले उन्होंने कई मौकों पर कांग्रेस को संकट से बचाया था।

डीके शिवकुमार ने कांग्रेस को संकट से निकाला

राज्यसभा चुनाव के दौरान हिमाचल में कांग्रेस सरकार संकट में थी, इस बार सरकार बचाने के लिए डीके शिवकुमार का नाम सामने आया, जैसे ही हिमाचल में क्रॉस वोटिंग के कारण पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई, कांग्रेस को एहसास हुआ अगला संकट सरकार पर है, इसके लिए बीजेपी भी पूरी तरह से तैयार थी और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी गई। डीके शिवकुमार ने इस बार हिमाचल कांग्रेस का दामन थाम लिया। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को भी पर्यवेक्षक बनाया गया और प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी हिमाचल पहुंचे। कांग्रेस विधायकों की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी निरीक्षकों की थी, लेकिन इसके लिए समय की जरूरत थी, जो अब बीजेपी विधायकों के निष्कासन से मिल गया है।

हिमाचल कांग्रेस की स्थिति तब और खराब हो गई जब बुधवार को विक्रमादित्य सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। दिन भर की बहस के बाद शाम को उन्होंने अपना मन बदल लिया। सीएम सुक्खू ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर उन्हें अपना छोटा भाई बताया तो विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा कि वे दबाव नहीं बनाएंगे। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि हिमाचल में सुक्खू सरकार सुरक्षित है। विक्रमादित्य सिंह के इस कदम को कांग्रेस के डैमेज कंट्रोल का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल के लिए डीके शिवकुमार, हुड्डा और राजीव शुक्ला को नियुक्त किया। बताया जा रहा है कि एक दिन पहले क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक ने साखू से माफी भी मांगी थी।

 

 

 

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