प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर पोषण अभियान शुरू, उचित पोषण से तंदुरुस्त होंगे बच्चे, और ह शारीरिक विकास

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बेगूसराय, 15 सितम्बर यूपी किरण शिशु का पूर्ण रूप से शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए उचित पोषण आहार की बेहद जरूरी है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर पोषण अभियान शुरू किया गया तथा एक से 30 सितम्बर तक पोषण माह के तहत विविध जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जन्म के बाद छः माह तक सिर्फ और सिर्फ मां का ही दूध पिलाना चाहिए। मां के दूध में मौजूद पानी, प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट मिनरल्स, वसा, कैलोरी शिशु को ना सिर्फ बीमारियों से बचाते हैं। बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते तथा पाचन क्रिया भी मजबूत करते हैं। छह माह के बाद बच्चे के सतत विकास के लिए ऊपरी आहार की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस दौरान यह ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है कि उसे कैसा आहार दें।

मां का दूध सर्वोत्तम आहार, ठोस आहार देती है मजबूती-

पोषण मिशन के परियोजना सहायक पिंकल कुमार ने बताया कि जिले में पोषण माह में मां के दूध के साथ पोषण भरे आहार के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है। बताया जा रहा है कि छह माह के बाद शिशु को मां के दूध के अलावा ठोस और ऊपरी आहार देना शुरू कर देना चाहिए। इस दौरान शुरू किया गया बेहतर पोषण आहार शिशु को स्वस्थ, मजबूत और खुशहाल बनाता है। इस वक्त मां और अभिभावक को सावधानी से यह फैसला लेना होता है कि उन्हें अपने शिशु के लिए कैसा ठोस खाद्य पदार्थ देना शुरू करना चाहिए, जो उसके पाचन शक्ति और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखें।अभियान से जुड़ी कुमारी अनुपमा सिन्हा के अनुसार छह माह के बाद बच्चे को स्तनपान कराने के साथ धीरे-धीरे मसले हुए फल और सब्जियां देना शुरू करना चाहिए। बच्चा जैसे-जैसे दिलचस्पी लेना शुरू करे ठोस खाद्य पदार्थ देना शुरू करें। हर सप्ताह एक नए प्रकार का आहार देना आरंभ करें।

यह है बच्चे की आहार प्रणाली-

बच्चे के छह माह के होने के बाद से उसे हल्का ऊपरी आहार देना शुरू करें। शुरू में नरम खिचड़ी, दाल-चावल व हरी सब्जियां जैसे मसला हुआ आहार दें। सात से आठ माह तक के बच्चों को दो कटोरी, 9-11 महीने के बच्चों को तीन कटोरी और 12 से 24 माह तक के बच्चों चार-पांच कटोरी अच्छी तरह से कतरा एवं मसला हुआ आहार दे।

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