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बस्तर के नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव में आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने खास अंदाज में जश्न मनाया और सुरक्षाबलों के साथ जमकर थिरके। चांदामेटा बस्तर का आखरी गांव है जो ओडिशा बॉर्डर पर स्थित है। स्वतंत्रता दिवस के लिए ग्रामीणों ने पहले से तैयारियां कर ली थी और 80 बटालियन के जवानों ने पैदल और बाइक रैली निकालकर उनका उत्साह भी बढ़ाया।

पैदल रैली में जवानों के साथ बच्चों ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। चांदामेटा में पहली बार तिरंगा लहराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

बता दें कि 14 मीटर को नक्सलियों का गढ़ कहा जाता है, क्योंकि यहां तक पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण है। लेकिन कुछ समय से पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते इस इलाके में नक्सली बैकफुट पर है। जिसके चलते आजादी के 70 साल बाद राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा इस गांव में शान के साथ कराया गया। 

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