OMG: एक ऐसा परिवार जहां 39 लोगों के लिए बनता है भोजन, पढ़िए इस परिवार की दिलचस्प कहानी

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नई दिल्ली: मौजूदा समय में जहां संयुक्त परिवार खत्म हो रहे हैं, वहीं लोग छोटे परिवारों को पसंद कर रहे हैं. जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि एक ऐसा परिवार है जहां 39 लोग एक साथ रहते हैं। हालांकि कहा जाता है कि एक छोटा परिवार एक खुशहाल परिवार होता है, लेकिन यह परिवार बहुत बड़ा होता है और यह परिवार बड़ा होते हुए भी बहुत खुश रहता है। वर्तमान समय में जहां एक तरफ परिवार टूट रहे हैं। 4 भाइयों का एक ऐसा संयुक्त परिवार है, जिसके सदस्य सभी एक साथ खाते हैं। यह सिलसिला तीन पीढ़ियों तक चलता रहता है। सभी भाइयों के परिवार एक ही घर में रहते हैं और खाना भी एक साथ बनता है। यह चित्तौड़ का सिकलीगर परिवार है, जिसमें 39 सदस्य हैं।

बताया जा रहा है कि चित्तौड़ का यह परिवार भाइयों के बीच प्रेम की मिसाल है। माता-पिता के बाद चार भाइयों में से दो की मृत्यु के बाद, अन्य दो भाइयों ने संस्कारों को जीवित रखते हुए परंपरा को आगे बढ़ाया, भाइयों का कहना है कि यह सब पिता देवी लाल, माता जादव बाई और बड़े भाई भगवान लाल, गोपाल लाल थे। (अब मौजूद नहीं) के प्यार और आशीर्वाद के कारण संभव था। दूसरी पीढ़ी में आठ भाई भी हैं, जो एक साथ रहते हैं। देवेंद्र कुमार, दिलीप कुमार, गजेंद्र सिंह परिहार, पुरुषोत्तम कुमार, कैलाश चंद, गिरिराज, कमलराज, विक्रम, आशीष। 15 बहनें हैं जिनकी शादी हो चुकी है। आठ भाइयों की पत्नियां और बच्चे भी एक ही घर में रहते हैं।

देवीलाल चित्तौड़ के सदर बाजार में रहता था। उनकी और उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद, उनके चार पुत्रों में से दो की भी मृत्यु हो गई। भगवान लाल, गोपाल लाल भी अपने पीछे पत्नी और बच्चों को छोड़ गए हैं। पहले चार पीढ़ियां एक ही परिसर में एक साथ रहती थीं। माता-पिता की मृत्यु के बाद भी, अगली तीन पीढ़ियां संयुक्त परिवार के ताने-बाने को बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं। भाइयों का कहना है कि माता-पिता से मिले संस्कारों के कारण वे संयुक्त परिवार का पालन-पोषण अवश्य कर पाएंगे। वे बताते हैं, मां कहती थीं कि अगर परिवार के सभी सदस्य एक साथ रहते हैं तो न जाने किसकी किस्मत कब आकर आगे बढ़े। मां से मिला यह संदेश हमारा मूल मंत्र है। महिलाओं से लेकर बच्चों तक इस पर विश्वास करें, इसलिए इतना बड़ा होने के बावजूद पूरा परिवार एक साथ है।

लाल चंद सिकलीगर का कहना है कि संयुक्त परिवार भरोसे से चलता है। भाइयों के बीच अच्छा तालमेल है। कोई एक दूसरे से बड़ा होने का दिखावा नहीं करता। यही कारण है कि वे एक ही घर में रहते हैं और खाना भी साथ में बनता है। सभी माता-पिता और बड़े भाइयों की कृपा से हमारे परिवार की एकता बनी रहती है।

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