नई दिल्ली: विश्व के प्रत्येक व्यक्ति की हार्दिक इच्छा है कि वह अपने जीवन का अंतिम दिन अपनी जन्मभूमि पर ही व्यतीत करे। इतना ही नहीं वह अपनी जन्मभूमि पर अंतिम सांस भी लेना चाहते हैं। लेकिन दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी जन्मभूमि पर नहीं मर सकता है। दरअसल, इस जगह पर लोगों की मौत पर रोक है।
ये जानकर आपको अजीब लगा होगा लेकिन ये बात बिल्कुल सच है. नॉर्वे के एक शहर में लोगों की मौत पर पाबंदी है. नॉर्वे के स्वाल्वर्ड द्वीप की राजधानी लॉन्गइयरब्येन में लोगों को मरने की मनाही है। इस कस्बे में 1950 में यह कानून लागू किया गया था। तब से लेकर आज तक इस कस्बे में मरना गैरकानूनी है। इस अजीबोगरीब कानून के बारे में जानकर आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इसे क्यों लागू किया गया। दरअसल, नॉर्वे का तापमान बहुत कम रहता है। मरने के बाद जब किसी के शव को यहीं दफनाया जाता है तो वह कई सालों तक वैसा ही रहता है और बिगड़ता नहीं है। शरीर मिट्टी में नहीं मिलता।
इससे यदि यहां किसी व्यक्ति की किसी बीमारी से मृत्यु हो जाती है तो उसके मृत शरीर से रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इस कस्बे में साल 1918 में स्पेनिश फ्लू से कई मौतें हुई थीं। यहां लाखों लोगों की कब्रें हैं। इस वजह से अगर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य बहुत खराब रहता है। यदि उसके जीवित रहने की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं, तो उस व्यक्ति को किसी अन्य स्थान पर भेज दिया जाता है। इस कस्बे में कोई अस्पताल और कोई प्रसूति केंद्र नहीं है। महिलाओं को डिलीवरी के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ता है।