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मुंबई। भारत को विविधताओं वाला देश माना जाता है। यहां कई तरह रीति-रिवाज, पूजा पाठ और मान्यताएं हैं। कुछ मान्यताएं तो ऐसी हैं जिन्हें सुनकर कोई भी हैरान रह जाता है। कुछ इसी तरह की अनोखी परंपरा महाराष्ट्र के सतारा जिले के खंडला तालुका बोरी सुखेड़ गांव में देखने को मिलती है। कोरोना काल का बैन हटने के बाद एक दिन यहां हजारों की संख्या में महिलाएं इकट्ठा हुईं और एक दूसरे को जमकर गालियां देने लगीं।

बताया जाता है कि सतारा के सुखेड और बोरी गांव में नागपंचमी के दो दिन बाद यह परंपरा निभाई जाती है। यहां महिलाएं गांव में स्थित नाले के पास एकत्र होती है और जोर-जोर से हाथ हिलाकर एक दूसरे पर गालियां बरसाती है। जब महिलाएं गालियां दे रही होती है तो जोर-जोर से ढोल बजाए जाते हैं जिससे एक-दूसरे को गालियां सुनाई न दे। इस दौरान सभी महिलाएं एक दूसरे को हाथ हिला-हिलाकर श्राप भी देती हैं। महाराष्ट्र के सतारा जिले में मनाई जाने वाली इस अनोखी प्रथा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

महिलाओं का मानना ​​है कि अगर इस प्रथा का पालन नहीं किया गया तो गांव में बीमारी फैल जाएगी और कोई बड़ा संकट भी आ सकता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में ये प्रथा उस समय शुरू हुई थी, जब बोरी और सुखेड गांव की दो महिलाओं में नाले को लेकर जमकर लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई में एक की मौत हो गई थी तभी से सुखेड और बोरी में नागपंचमी के दूसरे दिन इस रिवाज को मनाने की परंपरा चली आ रही है।

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