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पंजाब के पांच किसान संगठन मोहाली में प्रदर्शन के लिए जुट रहे हैं। वे एसवाईएल मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की मीटिंग का विरोध कर रहे हैं। इस मीटिंग में केंद्र की ओर से गठित टीम भी आ रही है। ये मीटिंग केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में होगी। पंजाब के किसान संगठन हरियाणा को पानी देने का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए पांच किसान संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। किसान संगठनों ने दो दिसंबर को किसान भवन चंडीगढ़ में मीटिंग कर इसकी घोषणा की थी।

बता दें कि किसान संगठनों ने 18 जनवरी से चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है। पंजाब में गिरते जलस्तर को लेकर किसान प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में 8 जनवरी को चंडीगढ़ के अफसरों के साथ मीटिंग भी की जाएगी।

इस संघर्ष को लेकर किसान गांव-गांव जाकर पोस्टर बांट रहे हैं। किसानों के लिए पानी के साथ-साथ चंडीगढ़ के संघीय ढांचे का मुद्दा भी उठाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है और पंजाब पर दूसरे राज्यों को पानी भेजने का दबाव बना रही है।

चंडीगढ़ के सेक्टर 35 स्थित किसान भवन में पांच किसान संगठनों की मीटिंग हुई। इसमें भारतीय किसान यूनियन की ओर से बलवीर सिंह राजोवाल, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन की ओर से प्रेम सिंह, किसान संघर्ष कमेटी की ओर से कमलप्रीत पन्नू, भारतीय किसान यूनियन मानसा की ओर से भोग सिंह और आजाद की ओर से हरजिंदर सिंह टांडा शामिल हुए। किसान संघर्ष समिति। संघर्ष समिति सहित कई अन्य किसान नेता शामिल हुए। इस मीटिंग में आंदोलन की तैयारियों पर चर्चा की गई।

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