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छत्तीसगढ़ में इस साल के एंड तक विधानसभा चुनाव होंगे। यहां टक्कर का मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा। इस बीच, चुनाव के कुछ महीने दूर होने के कारण दोनों पार्टियों ने अपने-अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। इस बीच पिछले कुछ दिनों से बीजेपी में बड़ी संख्या में आवक हुई है और राज्य के कुछ प्रमुख चेहरों को बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। इनमें सतनामी संप्रदाय के आध्यात्मिक गुरु बालदास साहब भी शामिल हैं।

उन्होंने अपने दो बेटों और एक बेटी को भी बीजेपी में शामिल कराया है। पहले वह कांग्रेस में थे। माना जाता है कि गुरु बालदास की अनुसूचित जाति के लोगों के बीच अच्छी खासी पकड़ है। ऐसे में संभावना है कि आम चुनाव से पहले आध्यात्मिक गुरुओं के दल बदलने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी। साथ ही राजनीतिक समीकरण भी बदलने के संकेत मिल रहे हैं।

राज्य में गुरु बालदास को चुनाव में गेम चेंजर के तौर पर जाना जाता है। वह सतनामी समुदाय में एक बड़ा आध्यात्मिक चेहरा हैं। कहा जाता है कि अब तक उन्होंने जिस पार्टी के लिए प्रचार की जिम्मेदारी उठाई है, वह पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आती है। उन्होंने 2013 में बीजेपी के लिए प्रचार किया था, लेकिन 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें सतनामी समुदाय का समर्थन मिला।
 

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