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गाजीपुर कारावास में बंद अब्बास अंसारी की पैरोल खत्म होने के बाद आज सवेरे उसे वापस कासगंज जेल में भेज दिया गया। अब्बास को पुलिस की कड़ी निगरानी में शिफ्ट किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय से अब्बास अंसारी को उसके पिता मुख्तार अंसारी की मृत्यु के बाद फातिहा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तीन दिन की कस्टडी पैरोल मिली थी। जिसके चलते उसे दस अप्रैल को कासगंज जेल से गाजीपुर जेल लाया गया। तब से वो गाजीपुर जेल में था। दस अप्रैल को अब्बास अंसारी को मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान ले जाया गया।

जहां उसने अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ा। फिलहाल बीते कल को उसकी पत्नी निकहत और भाई उमर अंसारी गाजीपुर जेल पहुंचे और उससे भेंट की। साथ ही अब्बास का मामा आसिफ रजा भी साथ रहा। अब्बास भेंट के बाद उसके परिजन जेल से निकले और मोहम्मदाबाद के लिए रवाना हो गए।

जानकारी के अनुसार, अब्बास अंसारी को गाजीपुर जेल में शिफ्ट होने से पहले एक डर सता रहा है। उसे लगता है कि कासगंज जेल में उसे खतरा है। अब्बास अंसारी ने भोजन में जहर मिलाकर हत्या करने का संदेह जताते हुए गाजीपुर सीजेएम से गुहार लगाई थी अब्बास ने सीजेएम कोर्ट में पेशी के दौरान कहा कि उसे जेल में अफसरों की मिलीभगत से जहर दिया जा सकता है और उसे मारा जा सकता है। तत्पश्चात, सीजेएम ने जेल प्रशासन को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में अब्बास अंसारी का खाना समेत अन्य कार्य करने के निर्देश दिए।

 

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